Dakshin Bharat Rashtramat

कतर में फांसी की सजा पाए पूर्व नौसैनिकों के बारे में क्या बोले नौसेना प्रमुख?

कतर की एक अदालत ने भारत के आठ पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई है

कतर में फांसी की सजा पाए पूर्व नौसैनिकों के बारे में क्या बोले नौसेना प्रमुख?
Photo facebook.com/IndianNavy

नई दिल्ली/भाषा। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने शुक्रवार को कहा कि भारत सरकार कतर में मौत की सजा पाए आठ पूर्व नौसैनिकों को वापस लाने का हरसंभव प्रयास कर रही है।

कतर की एक अदालत ने भारत के आठ पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई है।

एडमिरल कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम उनके हित सुनिश्चित करने के लिए निकटता से काम कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार उनकी वापसी सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।’

भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को कतर की एक अदालत ने 26 नवंबर को मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने कहा था कि वह इस फैसले से बेहद ‘स्तब्ध’ है और इस मामले में सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है।

मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की जा चुकी है और कतर की एक उच्च अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया है। यह अपील जेल में बंद इन भारतीय नागरिकों की कानूनी टीम ने दायर की है।

ये सभी आठ भारतीय नागरिक अल दाहरा कंपनी में काम कर रहे थे और इन्हें पिछले साल जासूसी के कथित मामले में हिरासत में ले लिया गया था।

कतर के अधिकारियों की ओर से भारतीयों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया गया है।

कतर की अदालत के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में विदेश मंत्रालय (एमईए) ने पिछले महीने कहा था कि वह इस मामले को ‘उच्च महत्त्व’ दे रहा है और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है।

भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ आरोप 25 मार्च को दायर किए गए और उन पर कतर के कानून के तहत मुकदमा चलाया गया।

पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा था कि सभी अधिकारियों का भारतीय नौसेना में 20 साल तक का ‘बेदाग कार्यकाल’ रहा है और उन्होंने बल में प्रशिक्षकों सहित महत्त्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दी हैं।

About The Author: News Desk

News Desk Picture