Dakshin Bharat Rashtramat

कर्नाटक: उच्च न्यायालय ने केंद्र से पूछा- क्या एक्स कॉर्प को जारी किए गए 'टेकडाउन' आदेशों पर पुनर्विचार करेंगे?

आदेशों को ट्विटर ने एक याचिका में चुनौती दी थी

कर्नाटक: उच्च न्यायालय ने केंद्र से पूछा- क्या एक्स कॉर्प को जारी किए गए 'टेकडाउन' आदेशों पर पुनर्विचार करेंगे?
कंपनी की अपील पर सुनवाई कर रही एक खंडपीठ ने सरकार को 27 सितंबर से पहले अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया है

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या वह माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर जारी किए गए ट्वीट्स, खातों और यूआरएल को ब्लॉक करने के लिए एक्स कॉर्प (पूर्व में ट्विटर) को जारी किए गए ब्लॉकिंग आदेशों पर पुनर्विचार करेगी।

कंपनी की अपील पर सुनवाई कर रही एक खंडपीठ ने सरकार को 27 सितंबर से पहले अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया है, जब वह अपील में दलीलें सुनेगी।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 2 फरवरी, 2021 और 28 फरवरी, 2022 के बीच 10 सरकारी आदेश जारी किए थे, जिनमें तत्कालीन ट्विटर को 1,474 खाते, 175 ट्वीट, 256 यूआरएल और एक हैशटैग को ब्लॉक करने का निर्देश दिया गया था।

इनमें से 39 से जुड़े आदेशों को ट्विटर ने एक याचिका में चुनौती दी थी। हालांकि, एकल न्यायाधीश की पीठ ने इसकी याचिका खारिज कर दी और कंपनी पर 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया।

कंपनी की अपील बुधवार को फिर से न्यायमूर्ति जी नरेंद्र और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ के समक्ष आई। अदालत ने अपनी याचिका में आधारों में संशोधन करने और अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने के लिए कंपनी के दो आवेदनों को अनुमति दे दी।

एक्स कॉर्प के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता साजन पूवय्या ने तर्क दिया कि एमईआईटीवाई द्वारा जारी किए गए अवरुद्ध आदेश कानून द्वारा अनिवार्य कारणों का उल्लेख नहीं करते हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि आदेशों को समीक्षा के लिए मंत्रालय के सचिव को भेजा जा सकता है, जो नहीं किया गया था। जिस पर अदालत ने कहा कि इस तरह का आंतरिक निर्णय (सचिव द्वारा) 'अनुचित प्रचार' को आकर्षित नहीं करेगा।

इस प्रस्ताव पर विचार करते हुए, अदालत ने आगे निर्देश दिया कि वह 'इसे सचिव को वापस भेज देगी और उन्हें इस पर गौर करने देगी और बताएगी कि यह उचित है या नहीं।'

अदालत ने कहा कि सरकार को सचिव और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल से बात करके राय लेनी चाहिए, क्योंकि 'प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि (एक्स कॉर्प) उनके पास मामला है।'

खंडपीठ ने यह भी कहा कि कंपनी पर 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाने का कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि कंपनी ने खंडपीठ के निर्देश पर अदालत में 25 लाख रुपए जमा कर दिए हैं।

About The Author: News Desk

News Desk Picture