ओडिशा रेल हादसा: दुर्घटना के बारे में सबसे पहले यहां से मिली थी सूचना

एनडीआरएफ के जवान वेंकटेश एनके छुट्टी पर थे

हादसे में कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई

भुवनेश्वर/नई दिल्ली/भाषा। कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के एक जवान शायद पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने शुरुआती बचाव प्रयासों में शामिल होने से पहले ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे के बारे में आपातकालीन सेवाओं को सतर्क किया था।

एनडीआरएफ के जवान वेंकटेश एनके छुट्टी पर थे और पश्चिम बंगाल के हावड़ा से तमिलनाडु की यात्रा कर रहे थे। अधिकारियों ने कहा कि वे बाल-बाल बच गए, क्योंकि जिस डिब्बे ‘बी-7’ में वे सवार थे, वह पटरी से उतर गया था लेकिन आगे के डिब्बों से नहीं टकराया।

कोलकाता में एनडीआरएफ की दूसरी बटालियन के साथ तैनात 39 वर्षीय जवान ने सबसे पहले बटालियन में अपने वरिष्ठ निरीक्षक को फोन करके दुर्घटना की जानकारी दी। उसके बाद उन्होंने वॉट्सऐप पर घटनास्थल की ‘लाइव लोकेशन’ एनडीआरएफ नियंत्रण कक्ष को भेजी और इसका इस्तेमाल पहले बचाव दल ने मौके पर पहुंचने के लिए किया।

बालासोर जिले में शुक्रवार की शाम लगभग सात बजे शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलूरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने से यह हादसा हुआ, जिसमें कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई और 1,100 से अधिक यात्री घायल हो गए।

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