कर्नाटक के गांवों में महाराष्ट्र की बीमा योजना लागू करने के संबंध में शाह से मिलेंगे बोम्मई

उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री के साथ इस मुद्दे को उठाएंगे

शिंदे सरकार द्वारा हाल ही में यह घोषणा किए जाने के बाद दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ गया

बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक के 865 सीमावर्ती गांवों में महाराष्ट्र सरकार द्वारा अपनी स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू करने के फैसले की कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बृहस्पतिवार को इसे 'अक्षम्य अपराध' करार दिया।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ इस मुद्दे को उठाएंगे।

पिछले साल दिसंबर में केंद्रीय गृह मंत्री ने महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा तनाव को कम करने के लिए दखल दिया था। उन्होंने दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच एक बैठक बुलाई थी और बाद में कहा कि दोनों इस बात पर सहमत हुए हैं कि जब तक उच्चतम न्यायालय इस मामले पर फैसला नहीं कर लेता, तब तक वे सीमा मुद्दे पर कोई दावा या प्रतिदावा नहीं करेंगे।

पत्रकारों से बात करते हुए बोम्मई ने कहा कि महाराष्ट्र ने उस समझौते का 'उल्लंघन' किया था और उन्होंने अपने समकक्ष एकनाथ शिंदे से 'जिम्मेदारी से व्यवहार' करने का आग्रह किया।

शिंदे सरकार द्वारा हाल ही में यह घोषणा किए जाने के बाद दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ गया कि वह अपनी ‘महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना’ के लिए अतिरिक्त 54 करोड़ रुपए आवंटित करेगी, ताकि उन सीमावर्ती गांवों तक उसका दायरा बढ़ाया जा सके, जिन पर महाराष्ट्र दावा करता रहा है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र सरकार से कर्नाटक की सीमा में स्थित गांवों में स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू करने के उसके आदेश को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया और कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्री शाह के साथ इस मामले को उठाएंगे।

सीमा के मुद्दों को उलझाने के खिलाफ बोम्मई ने यह दांव महाराष्ट्र पर उल्टा पड़ने की चेतावनी देते हुए कहा, हम भी ऐसी योजनाओं या कार्यक्रमों की घोषणा कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, कई ग्राम पंचायतों और तालुकों (महाराष्ट्र की सीमा पर) ने कर्नाटक में शामिल होने का संकल्प जताया है, क्योंकि उन्हें महाराष्ट्र में न्याय नहीं मिल रहा है। बोम्मई ने कहा, ऐसी स्थिति में, महाराष्ट्र सरकार को जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए। मैं उनके मंत्रिमंडल के फैसले की कड़ी निंदा करता हूं।

विपक्षी नेता डीके शिवकुमार और सिद्दरामैया ने भी बुधवार को महाराष्ट्र सरकार के कदम की आलोचना की थी।

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