सरकार की तर्ज पर कॉरपोरेट जगत को भी निवेश बढ़ाना चाहिए: मोदी

प्रधानमंत्री ने बजट पर 10वें वेबिनार को संबोधित किया

‘कर का भुगतान करना एक ऐसा कर्तव्य है, जो सीधे राष्ट्र निर्माण से जुड़ा है'

नई दिल्ली/भाषा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत के कॉरपोरेट जगत को निवेश बढ़ाना चाहिए और बजट 2023-24 में दिए गए अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।

बजट पर 10वें वेबिनार को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार ने पूंजीगत व्यय के लिए प्रावधान को बढ़ाकर दस लाख करोड़ रुपए कर दिया है, जो अब तक का सर्वाधिक है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मैं देश के निजी क्षेत्र से आह्वान करता हूं कि सरकार के समान वह भी अपनी ओर से निवेश बढ़ाए जिससे देश को इसका अधिक से अधिक लाभ मिल सके।’ उन्होंने कहा कि देश में माल एवं सेवा कर (जीएसटी), आयकर और कॉरपोरेट कर में कमी की वजह से कर का भार उल्लेखनीय रूप से कम हुआ है।

मोदी ने कहा कि इससे कर संग्रह में भी सुधार आया है। साल 2013-14 में सकल कर राजस्व करीब 11 लाख करोड़ रुपए था, जो साल 2023-24 में 200 प्रतिशत बढ़कर 33 लाख करोड़ रुपए हो गया। व्यक्तिगत कर रिटर्न की संख्या भी साल 2013-14 के 3.5 करोड़ से बढ़कर 2020-21 में 6.5 करोड़ हो गई।

उन्होंने कहा, ‘कर का भुगतान करना एक ऐसा कर्तव्य है, जो सीधे राष्ट्र निर्माण से जुड़ा है। कर के आधार में वृद्धि इस बात का सबूत है कि लोगों का सरकार में भरोसा है और वे मानते हैं कि उनके द्वारा दिए गए कर को जनकल्याण के लिए खर्च किया जाता है।’

उन्होंने कहा कि रुपे और यूपीआई किफायती और अत्यधिक सुरक्षित प्रौद्योगिकी होने के साथ ही विश्व में हमारी पहचान भी हैं। नवाचार के लिए संभावनाओं को अपार बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपीआई को पूरी दुनिया के लिए वित्तीय समावेशन एवं सशक्तीकरण का साधन बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें इस दिशा में काम करना होगा।

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