कर्नाटक विधानसभा सत्र शुरू, बेलगावी में कड़ी की गई सुरक्षा
पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है
शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए करीब पांच हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है
बेलगावी/भाषा। कर्नाटक विधानसभा के 10 दिवसीय शीतकालीन सत्र के सोमवार से शुरू होने के मद्देनजर बेलगावी शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
महाराष्ट्र के साथ सीमा-विवाद को लेकर विभिन्न समुदायों के विरोध के कारण व्यवधान की आशंका के बीच पूरे शहर को एक छावनी में तब्दील कर दिया गया है।सुवर्ण विधान सौधा में सदन की कार्यवाही जारी है और उसके बाहर पुलिस की भारी तैनाती तथा कई अवरोधक लगाए जाने से वह एक छावनी की तरह दिख रहा है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए करीब पांच हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
उन्होंने बताया कि इन पुलिसकर्मियों में छह पुलिस अधीक्षक, 11 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 43 उपाधीक्षक, 95 निरीक्षक और 241 उपनिरीक्षक शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि वैक्सीन डिपो मैदान में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे, जहां मध्यवर्ती महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमएमईएस) बेलगावी का महाराष्ट्र में विलय करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है।
महाराष्ट्र के हातकणंगले निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य धैर्यशील माने ने जिले के अधिकारियों को उनकी यात्रा के लिए व्यवस्था करने के वास्ते पत्र लिखा था। हालांकि अधिकारियों ने उनके अनुरोध को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनके भड़काऊ भाषण से शहर की कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है।
एमईएस के अलावा कई किसान संगठन भी बेलगावी में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि यह सत्र वर्तमान विधानसभा का आखिरी सत्र होगा क्योंकि चुनाव मुश्किल से चार महीने दूर हैं।
विपक्षी दलों द्वारा विभिन्न विभागों में कथित भ्रष्टाचार, मतदाताओं से जुड़ी जानकारियों की चोरी से संबंधित घोटाले, सीमा विवाद और सरकार द्वारा इससे निपटने के तरीके, सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के साथ कानून एवं व्यवस्था की स्थिति, मेंगलूरु में कूकर विस्फोट और किसानों की मांगों जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की संभावना है।
चुनाव का समय करीब आने के मद्देनजर विपक्षी दल सरकार को 2018 के चुनावी घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा न करने और कई शहरी इलाकों, खासतौर से बेंगलूरु में बुनियादी ढांचे की समस्या जैसे मुद्दों पर भी घेर सकते हैं।
ऐसे कई विधेयक हैं जिन्हें मौजूदा सत्र में पेश किए जाने और पारित किए जाने की संभावना है।
सूत्रों ने बताया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक द्वारा विवादास्पद हलाल विरोधी विधेयक भी सत्र में पेश किया जा सकता है, जिससे सदन में हंगामा होने की संभावना है।