तमिलनाडु पुलिस ने आतंकी संगठनों से जुड़े संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की

तिरुचि में दो लोगों के निवास और कारोबारी स्थानों पर छापे मारे गए, जबकि चेन्नई और कोयम्बटूर में कई जगह छापेमारी की कार्रवाई की गई

पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या रउफ को उस कार विस्फोट की जानकारी थी, जिसमें मुबीन मारा गया था

चेन्नई/दक्षिण भारत। तमिलनाडु पुलिस ने आतंकी संगठनों से जुड़े होने के संदेह में कई जगहों पर छापेमारी की है। इस संबंध में तिरुचि, चेन्नई और कोयम्बटूर में छापेमारी की गई।

जानकारी के अनुसार, तिरुचि में दो लोगों के निवास और कारोबारी स्थानों पर छापे मारे गए, जबकि चेन्नई और कोयम्बटूर में कई जगह छापेमारी की कार्रवाई की गई।

कट्टरपंथियों से संबंध होने का शक

कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध और बाद में 23 अक्टूबर को कार बम विस्फोट, जिसमें एक व्यक्ति जमीशा मुबीन की मौत हो गई थी, के बाद एनआईए और तमिलनाडु पुलिस सहित केंद्रीय एजेंसियां कई जगह छापेमारी कर रही हैं। खासतौर से उन जगहों पर, जिनका कट्टरपंथियों से संबंध होने का शक है।

तमिलनाडु पुलिस द्वारा हाल में 15 नवंबर को की गई छापेमारी में विदेशी मुद्रा, लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त किए गए थे। कोयम्बटूर में भी तमिलनाडु पुलिस ने कई जगह छापे मारे। चूंकि 23 अक्टूबर को हुए कार विस्फोट में कई संदिग्ध कोयम्बटूर के रहने वाले थे।

पूछताछ से खुलासा!

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के फरार केरल नेता सी रऊफ की हालिया गिरफ्तारी और उसके बाद की पूछताछ से पता चला है कि वह कोयम्बटूर और तमिलनाडु के कुछ अन्य हिस्सों में छिपा हुआ था।

राज्य पुलिस सूत्रों की मानें तो पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या रउफ को उस कार विस्फोट की जानकारी थी, जिसमें मुबीन मारा गया था।

जब सुर्खियों में आया था कोयम्बटूर

बता दें कि कोयम्बटूर 14 फरवरी, 1998 को सुर्खियों में आ गया था, जब शहर में सिलसिलेवार बम विस्फोटों में 56 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। ऐसे में पुलिस काफी सावधानी बरत रही है।

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