रामागुंडम/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तेलंगाना के रामागुंडम में विभिन्न विकास कार्यों का शुभारंभ किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मैं आज इस अवसर पर अपने सभी किसान भाइयों और बहनों का स्वागत करता हूं। आज तेलंगाना के लिए विकास परियोजनाओं में 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि दी गई है। इससे उद्योगों के साथ-साथ कृषि को भी फलने-फूलने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि फर्टिलाइजर प्लांट हो, नई रेलवे लाइन हो या हाईवे, इनसे औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। मैं इन विकास परियोजनाओं के लिए तेलंगाना के लोगों को बधाई देता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही दुनिया महामारी के बाद आर्थिक मंदी से जूझ रही हो, लेकिन सभी विशेषज्ञों का कहना है कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है।
आर्थिक विशेषज्ञ भी कह रहे हैं कि पिछले तीन दशकों में हासिल की गई ग्रोथ अगले कुछ सालों में हासिल होने वाली है। विशेषज्ञों का भरोसा पिछले आठ सालों में हुए बदलावों की वजह से है।
शासन में परिवर्तन लोगों की सोच के साथ-साथ दृष्टिकोण के कारण भी हुआ है। बुनियादी ढांचे का विकास, सरकारी दृष्टिकोण, साथ ही व्यापार करने में आसानी, भारत के आकांक्षी समाज से प्रेरित हो रहा है, जो न्यू इंडिया बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम किसानों के लिए यूरिया का आयात करते हैं तो एक बोरी की कीमत 2,000 रुपए पड़ती है। हालांकि, हम सब्सिडी देते हैं और इसे किसानों को केवल 270 रुपए में उपलब्ध कराते हैं। इसी तरह, डीएपी के एक बैग की कीमत 4,000 रुपए है और हम प्रत्येक बैग के लिए लगभग 2,500 रुपए की सब्सिडी प्रदान करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रामागुंडम उर्वरक संयंत्र की नींव 2016 में रखी गई थी और आज यह राष्ट्र को समर्पित है। यह हमारी कार्यशैली का एक उदाहरण है, जो यह सुनिश्चित करता है कि हम जिस समय के लिए शिलान्यास करते हैं, उस समय के भीतर परियोजना को पूरा करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद केंद्र सरकार ने शत-प्रतिशत यूरिया की नीम कोटिंग करने का निर्णय लिया। हमने किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किया, ताकि उन्हें अपने खेतों के लिए यूरिया का इष्टतम उपयोग प्रदान किया जा सके।
पिछले 8 वर्षों में, सरकार ने किसानों को सस्ती खाद उपलब्ध कराने के लिए लगभग 9.5 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। केंद्र सरकार इस साल सस्ती दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए 2.5 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गोरखपुर में खाद का निर्माण शुरू हो गया है। रामागुंडम संयंत्र को आज चालू कर दिया गया है। जब देशभर में सभी पांच उर्वरक संयंत्र चालू हो जाएंगे, तो 60 लाख टन यूरिया किसानों के लिए एक बड़ी राशि की बचत के लिए उपलब्ध होगा।
रामागुंडम उर्वरक संयंत्र न केवल तेलंगाना के लिए यूरिया प्रदान करेगा, बल्कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के किसानों को भी लाभान्वित करेगा। केंद्र सरकार उर्वरक संयंत्र में 6000 करोड़ रुपए का निवेश तेलंगाना के युवाओं के लिए लाखों करोड़ रुपए लाएगी। यह अतिरिक्त व्यवसायों के साथ संभव होगा, जो इस संयंत्र के कारण बढ़ेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए कुछ व्यक्ति लोगों को भड़काने के लिए अफवाह फैलाते हैं। तेलंगाना में एससीसीएल और विभिन्न कोयला खदानों के बारे में ऐसी अफवाहें फैलाई जा रही हैं। यह सीधे हैदराबाद से आ रही है।
कोयला खदानों की नीलामी पूरी पारदर्शिता के साथ की जा रही है। जहां से खनिज निकाले जाते हैं, वहां की स्थानीय आबादी को लाभ पहुंचाने के लिए हमने डीएमएफ बनाया है।