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महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास

महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास
महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास

महेंद्र सिंह धोनी

नई दिल्ली/दक्षिण भारत/भाषा। दिग्गज क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने स्वतंत्रता दिवस की संध्या पर बड़ी घोषणा की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। इस मौके पर उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर भावुक वीडियो पोस्ट किया। इसमें उनके जीवन की विभिन्न झलकियां दिखाई गई हैं। इस वीडियो में, 1976 में आई अमिताभ बच्चन की मशहूर फिल्म ‘कभी-कभी’ का गाना ‘मैं पल, दो पल का शायर हूं’ भी जोड़ा गया है।

धोनी के प्रशंसक सोशल मीडिया पर भावुक अपील कर रहे हैं। क्रिकेट में उनके योगदान को सराहा जा रहा है। उनके नेतृत्व में टीम इंडिया द्वारा रचे गए कीर्तिमान और विजय के क्षणों को ताजा किया जा रहा है। वहीं, कुछ प्रशंसकों ने कहा है कि धोनी को अपने फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए, चूंकि वे ​उनके बिना क्रिकेट की कल्पना भी नहीं कर सकते।

बता दें कि दो बार के विश्व कप विजेता एवं भारत के पूर्व कप्तान धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहकर पिछले एक साल से उनके भविष्य को लेकर लग रही अटकलों पर विराम लगा दिया। गैर-पारंपरिक शैली में कप्तानी और मैच को अंजाम तक ले जाने की कला के साथ महानतम क्रिकेटरों की जमात में खुद को शामिल करने वाले धोनी के इस फैसले के साथ ही क्रिकेट के एक युग भी संपन्न हो गया।

धोनी ने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा, ‘अब तक आपके प्यार और सहयोग के लिये धन्यवाद। शाम सात बजकर 29 मिनट से मुझे रिटायर्ड समझिए।’ इससे एक दिन पहले ही वह यूएई में होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग के लिए चेन्नई सुपर किंग्स टीम से जुड़ने चेन्नई पहुंचे थे। धोनी ने भारत के लिये आखिरी मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल खेला था।

विकेटों के बीच बेहतरीन दौड़ के लिए मशहूर धोनी उस तनावपूर्ण मैच में 50 रन बनाकर रनआउट हो गए थे। ‘रांची का यह राजकुमार’ हालांकि क्रिकेट के इतिहास में महानतम खिलाड़ियों में अपना नाम दर्ज करा गया है। भारत के लिए उन्होंने 350 वनडे, 90 टेस्ट और 98 टी20 मैच खेले।

करियर के आखिरी चरण में वह खराब फार्म से जूझते रहे जिससे उनके भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जाती रहीं।उन्होंने वनडे क्रिकेट में पांचवें से सातवें नंबर के बीच में बल्लेबाजी के बावजूद 50 से अधिक की औसत से 10773 रन बनाए। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 38.09 की औसत से 4,876 रन बनाए और भारत को 27 से ज्यादा जीत दिलाई।

आंकड़ों से हालांकि धोनी के करियर ग्राफ को नहीं आंका जा सकता। धोनी की कप्तानी, मैच के हालात को भांपने की क्षमता और विकेट के पीछे जबर्दस्त चुस्ती ने पूरी दुनिया के क्रिकेटप्रेमियों को दीवाना बना दिया था।

वे कभी जोखिम लेने से पीछे नहीं हटे, इसलिए 2007 टी20 विश्व कप का आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा जैसे नए गेंदबाज को दिया जो 2011 वनडे विश्व कप के फाइनल में फार्म में चल रहे युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी के लिए आए। दोनों बार भारत ने खिताब जीता और धोनी देशवासियों के नूरे नजर बन गए। आईपीएल में तीन बार चेन्नई को जिताकर वे ‘थाला’ कहलाए।

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