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श्रीसंत बैन मामले में सुप्रीम कोर्ट का बीसीसीआई को नोटिस

श्रीसंत बैन मामले में सुप्रीम कोर्ट का बीसीसीआई को नोटिस

नई दिल्ली। सर्वोच्च अदालत ने क्रिकेटर शांतकुमारन श्रीसंत के आजीवन प्रतिबंध के खिलाफ याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।भारतीय क्रिकेटर श्रीसंत ने केरल उच्च न्यायालय के उस निर्णय को चुनौती दी है जिसमें बोर्ड द्वारा उनपर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को बरकरार रखा गया था। बीसीसीआई को श्रीसंत की इस याचिका पर जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।गौरतलब है कि श्रीसंत पर इंडियन प्रीमियर लीग २०१३ के संस्करण में स्पॉट फिक्सिंग में संलिप्त पाए जाने के बाद बीसीसीआई ने आजीवन प्रतिबंध लगाया था। श्रीसंत आईपीएल की टीम राजस्थान रॉयल्स के खिला़डी थे। सर्वोच्च अदालत ने श्रीसंत की याचिका पर पांच फरवरी को सुनवाई करने पर सहमति जतायी थी जिसमें क्रिकेटर ने केरल उच्च न्यायालय के उनपर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध के फैसले को चुनौती दी है। श्रीसंत के अलावा राजस्थान टीम के दो अन्य खिलाि़डयों अंकित चव्हाण और अजीत चंदीला को जुलाई २०१५ में पटियाला हाउस कोर्ट ने बरी कर दिया था। इस फैसले के बावजूद बीसीसीआई ने श्रीसंत के क्रिकेट से आजीवन प्रतिबंध के फैसले को बरकरार रखा है। भारतीय क्रिकेट और आईपीएल के इतिहास के इस सबसे ब़डे भ्रष्टाचार मामले में ३६ से अधिक लोगों को आरोपी बनाया गया था जबकि राजस्थान और अन्य फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स दो दो वर्ष के लिए बैन कर दिया गया था जो इस वर्ष ११वें संस्करण से फिर से लीग में वापसी कर रही हैं। एकमात्र जज की एकलपीठ ने ते़ज गेंदबा़ज के समर्थन में फैसला सुनाते हुए उन पर से आजीवन प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया था। लेकिन बीसीसीआई ने इस एकलपीठ के निर्णय के खिलाफ याचिका दायर की जिसपर सुनवाई करते हुए केरल उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने भारतीय बोर्ड के समर्थन में फैसला दिया और श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध को बरकरार रखा।अदालत की दलील थी कि क्रिकेटर पर लगाया गया प्रतिबंध उनके अधिकारों का हनन नहीं है। वहीं बीसीसीआई ने दलील दी थी कि श्रीसंत के खिलाफ स्पॉट फिक्सिंग मामले में पुख्ता सबूत मिले हैं और इसी के आधार पर उन्हें क्रिकेट से आजीवन प्रतिबंधित किया जा रहा है क्योंकि बोर्ड की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस नीति है।इससे पहले एकलपीठ ने सात अगस्त २०१७ को श्रीसंत के समर्थन में फैसला सुनाते हुए उनके क्रिकेट में वापसी का रास्ता साफ कर दिया था। श्रीसंत पिछले काफी समय से क्रिकेट में वापसी के प्रयास में लगे हैं। वह कई विदेशी क्रिकेट लीगों में खेलने के लिए भी बीसीसीआई से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की गुहार लगा चुके हैं।

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