बप्पी लाहिड़ी के निधन का कारण बना ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, क्या है यह बीमारी?

नींद के दौरान ऊपरी श्वांस मार्ग में बार-बार रुकावट पैदा होने के कारण ‘ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया’ विकार होता है


मुंबई/भाषा। विशेषज्ञों का कहना है कि गायक-संगीतकार बप्पी लाहिड़ी के निधन का कारण बना ‘ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया’ (बाधक निंद्रा अश्वसन यानी ओएसए) नींद में श्वांस संबंधी एक आम, किन्तु गंभीर विकार है।

उन्होंने बताया कि इस विकार से शिशुओं और युवाओं समेत सभी आयुवर्ग के लोग प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन 50 वर्ष या इससे अधिक आयु के लोगों तथा मोटापे से पीड़ित लोगों के इससे प्रभावित होने की आशंका अधिक होती है।

चिकित्सकों ने स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं से जूझ रहे गायक-संगीतकार बप्पी लाहिड़ी (69) के निधन का काराण ओएसए बताया है, जिसके बाद से यह विकार चर्चा का विषय बन गया है। लाहिड़ी का मंगलवार की रात को मुंबई के अस्पताल में निधन हो गया था।

मुंबई स्थित मैसीना अस्पताल में ‘कंसल्टेंट पल्मोनोलोजिस्ट’ (फुफ्फुसीय रोग विशेषज्ञ) डॉ. संकेत जैन ने कहा, ‘ओएसए नींद संबंधी एक गंभीर विकार है, जिसमें सोते समय सांस रुक जाती है। ओएसए पर खासकर भारत जैसे देशों में अभी अधिक चर्चा नहीं हुई है।’

जैन ने बताया कि इस विकार के सामान्य लक्षण खर्राटे लेना, सुबह सिर में दर्द होना, दिन में नींद आना या थकान होना, सुबह उठने पर मुंह सूखना, सांस रुकने के कारण अचानक जग जाना और मिजाज में बदलाव होना है तथा यदि इस बीमारी का उपचार नहीं किया जाए, तो उच्च रक्तचाप, मधुमेह, दिल का दौरा पड़ने या हृदय संबंधी अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

मध्य मुंबई में ग्लोबल अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार मनोचिकित्सक डॉ संतोष बांगड़ ने कहा, ‘‘नींद के दौरान ऊपरी श्वांस मार्ग में बार-बार रुकावट पैदा होने के कारण ‘ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया’ विकार होता है। ओएसए तब होता है, जब गले में कोमल ऊतकों, जैसे जीभ और कोमल तालू को सहारा देने वाली मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं।’’

उन्होंने बताया कि ओएसए के तीन प्रारूप हैं: मामूली, मध्यम और गंभीर तथा जब ओएसए गंभीर होता है, तो शरीर के कई अंगों में ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो जाती है।

‘सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन’ अस्पताल में पल्मोनरी मेडिसिन की सलाहकार डॉ. पूजन पारिख ने कहा कि मोटापा स्लीप एपनिया का सबसे आम कारण है, इसलिए इस विकार के जोखिम को कम करने के लिए व्यक्ति का वजन नियंत्रण में होना चाहिए।

उन्होंने सलाह दी कि ओएसए के मरीजों को नियमित आधार पर व्यायाम करना चाहिए तथा शराब पीने और नींद की गोलियां लेने से बचना चाहिए।

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