चीन की बराबरी करके भारोत्तोलन में महाशक्ति बन सकता है भारत: रिजिजू

चीन की बराबरी करके भारोत्तोलन में महाशक्ति बन सकता है भारत: रिजिजू

Kiren Rijiju

नई दिल्ली/भाषा। खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को कहा कि भारत में भारोत्तोलन खेल की पारंपरिक महाशक्तियों चीन और उत्तर कोरिया को कड़ी टक्कर देने की क्षमता है। भारत समोआ के आपिया में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप के युवा, जूनियर और सीनियर वर्ग में 35 पदक के साथ लौटा है और इस दौरान देश के खिलाड़ियों ने कई राष्ट्रीय, राष्ट्रमंडल, विश्व और एशियाई रिकॉर्ड तोड़े।

खेल मंत्री ने यहां 37 सदस्यीय दल से मुलाकात की और उन्हें उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी। रिजिजू ने कहा, टूर्नामेंटों में अच्छा प्रदर्शन अच्छा संकेत है। आने वाले समय में भारत भारोत्तोलन में महाशक्ति बन सकता है। उन्होंने कहा, चीन और उत्तर कोरिया के साथ हमारा करीबी मुकाबला रहा। भारत में क्षमता है और मैं चाहता हूं कि हमें शीर्ष पर होना चाहिए और ओलंपिक में कई पदक जीतने चाहिए।

भारत राष्ट्रमंडल टूर्नामेंटों में हमेशा से अच्छा प्रदर्शन करता आया है जबकि चीन, दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया जैसे देशों का वैश्विक प्रतियोगिताओं में दबदबा रहता है। हालांकि हाल के नतीजे दर्शाते हैं कि पूर्व विश्व चैंपियन मीराबाई चानू और युवा ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता जेरेमी लालरिननुंगा की अगुआई में भारत ने क्रमश: सीनियर और जूनियर वर्ग में अच्छी प्रगति की है।

अप्रैल में एशियाई चैंपियनशिप में मीराबाई मामूली अंतर से पदक से चूक गई थीं। मीराबाई ने कुल 199 किग्रा (86 और 113 किग्रा) वजन उठाया था लेकिन चीन की झेंग रोंग से पिछड़ गई थीं। झेंग ने भी इतना ही वजन उठाया था लेकिन क्लीन एवं जर्क में अधिक भार उठाने के कारण चीन की खिलाड़ी को पदक मिला।

रिजिजू ने कहा, भरोत्तोलन में मुख्य चुनौती एशियाई देश पेश करते हैं। मुझे लगता है कि हम तोक्यो ओलंपिक में भारोत्तोलन में पदक जीतेंगे। रिजिजू ने कहा कि सरकार भारोत्तोलकों के प्रदर्शन में सुधार के तरीके ढूंढ़ने को लेकर उत्सुक है जिसमें युवा और जूनियर वर्ग पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, टीम ने राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में सीनियर और जूनियर वर्ग में काफी अच्छा प्रदर्शन किया। भारत अब राष्ट्रमंडल में नंबर एक टीम है। खेल मंत्री ने कहा, इन खिलाड़ियों की मदद के लिए हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। युवाओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि वे अगली पीढ़ी हैं और वे हमें आगे लेकर जाएंगे।

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