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ऑनलाइन युद्ध

ऑनलाइन युद्ध
पाकिस्तान के इस जाल से सचेत होने की जरूरत है


देश में आए दिन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के इशारे पर काम करने वाले एजेंटों का पर्दाफाश बताता है कि हमारी एजेंसियां कितनी मुस्तैदी से काम कर रही हैं। साथ ही यह चिंता का विषय भी है कि कुछ लोग चंद रुपयों और सौंदर्य के जाल में फंसकर देश को धोखा दे रहे हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों की ओर से जारी एक अलर्ट न केवल सुरक्षा बलों के कर्मियों, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी प्रासंगिक है। दरअसल आमने-सामने की लड़ाई में मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान को अच्छी तरह से समझ में आ गया है कि वह ऐसे मुकाबले में भारत के सामने कहीं नहीं टिकता, इसलिए वह हनी ट्रैप के जंजाल से भारतीय सुरक्षा बलों और नागरिकों को लुभाने में जुटा है।

अब तक सोशल मीडिया का उद्देश्य लोगों को जोड़ना था, लेकिन पाकिस्तान जैसे देश यहां भी अपना दुश्चरित्र दिखाने से बाज़ नहीं आए। पिछले दिनों पकड़ी गई एक फेसबुक आईडी, जिस पर तिरंगे और भारतीय सैनिकों की तस्वीरें लगी थीं, को देखकर हर किसी को भ्रम हो सकता है कि इसका उद्देश्य देशप्रेम की भावनाओं का प्रसार करना है, लेकिन वास्तविकता कुछ और थी। भारतीय महिला सैनिक के नाम से बनाई गई इस आईडी का संचालन पाकिस्तान से किया जा रहा था। हैरानी की बात यह है कि इससे बड़ी संख्या में भारतीय युवक जुड़े हुए थे, उसकी तस्वीरों को सुंदर बताते हुए प्रशंसा कर रहे थे।

पाकिस्तान के इस जाल से सचेत होने की जरूरत है। भारतीय एजेंसियों को पता चला है कि हमारे सुरक्षा बलों को निशाने पर लेने के लिए पाकिस्तान ने एक महिला ब्रिगेड तक तैयार कर ली है, जो आमने-सामने लड़ाई करने के लिए सरहद या एलओसी पर नहीं आएगी। उसकी महिलाओं को प्रशिक्षण देकर मोबाइल फोन और लैपटॉप थमाए गए हैं, जिनका मकसद भारतीय जवानों और नागरिकों को फंसाकर ऐसे रहस्य हासिल करना है, जिससे भारत को नुकसान पहुंचाया जा सके। भारतीय एजेंसियां लगातार ऐसे लोगों पर नज़र रखने की कोशिश करती हैं, उन्हें पकड़ती हैं, लेकिन यह हम सबका कर्तव्य है कि शत्रु की इस चाल से सावधान रहें, किसी को ऐसी कोई जानकारी न दें, जिससे देशहित और सुरक्षा पर संकट आए। बेहतर तो यह होगा कि किसी अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट कभी स्वीकार न करें, क्योंकि शत्रु इस फिराक में है कि कब आप डिगें, चूकें और वह आपको जाल में फंसाकर शिकार बना ले।

पाकिस्तान अपनी महिला एजेंटों को प्रशिक्षण देते समय इस बात का ध्यान रखता है कि उनका भाषाज्ञान और बोलने का लहजा वैसा ही हो, जैसा कि भारत के सीमावर्ती इलाकों में होता है, इसलिए जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती इलाकों के निवासियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। हो सकता है कि जो महिला/पुरुष फोन पर आपसे ‘अपनी भाषा’ में बात कर रहा है, वह पाक के पैसे पर पलने वाला एजेंट हो! सीमावर्ती इलाका राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील होता है। इसमें सेंध लगाने के लिए पाक ने कैप्टन से लेकर ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारियों को जिम्मा सौंप रखा है कि वे महिला एजेंटों की भर्ती करें और भारत के खिलाफ ऑनलाइन युद्ध छेड़ें। पाक द्वारा छेड़े गए इस युद्ध में उसे पटखनी देने के लिए भारत के हर नागरिक को जागरूक होना चाहिए।

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