मंत्रिमंडल फेरबदल

मंत्रिमंडल फेरबदल

रविवार को प्रधानमंत्री मोदी की टीम में फेरबदल हुआ। मंत्रिमंडल में नौ नए चेहरे शामिल हुए। चार केंद्रीय राज्य मंत्रियों की पदोन्नति हुई और उन्हें कैबिनेट मंत्री का द़र्जा दिया गया। इस फेरबदल की महत्वपूर्ण बात यह थी कि केंद्र सरकार ने मंत्रियों की कार्यकुशलता की समीक्षा की और बेहतर प्रदर्शन के आधार पर मंत्रियों की पदोन्नति की गयी है। निकट भविष्य में एक और विस्तार और फेरबदल होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को अभी भी यह आस बनी हुई है कि उन्हें भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपने प्रतिनिधि शामिल करने का मौका मिल सकता है। प्रमुख तौर पर एनडीए का पुनः दामन थमने वाली जनता दल (यू) को दो मंत्री पद मिलने की उम्मीद है। शिवसेना से अनंत गीते केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हैं परंतु शिवसेना को उम्मीद है किी उसे एक और विभाग दिया जायेगा। रविवार को मंत्री बनाये गए नए चेहरों में कर्नाटक से लिंगायत समुदाय से आए अनंत कुमार हेग़डे को चुना गया है। अनंत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीबी माने जाते हैं उनका चयन कर्नाटक की राजनीतिक समीकरणों पर प्रभाव डालेगा। पिछले कुछ समय से कर्नाटक की कांग्रेस सरकार भाजपा के महत्वपूर्ण समर्थक लिंगायत समुदाय को आकर्षित करने के लिए लिंगायत धर्म को मान्यता देने पर विचार की बात कह रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस फेरबदल से यह सा़फ कर दिया है कि देश में शीर्ष नेताओं की कार्यकुशलता की भी समीक्षा की जा रही है और उनके बेहतर प्रदर्शन को सम्मानित भी किया जा रहा है। अच्छी बात यह है कि मोदी ने अपने मंत्रियों के प्रति किसी भी तरह का पक्षपात नहीं किया केवल उनके काम को सराहा है। पदोन्नित किए गए मंत्रियों में निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्रालय प्रदान किया गया है। यह देश की पहली महिला रक्षा मंत्री बनी हैं। इनसे पहले इंदिरा गाँधी ने अपने प्रधान मंत्री कार्यकाल के दौरान रक्षा मंत्रालय को किसी भी मंत्री को नहीं सौंपा था और वह प्रधानमंत्री होने के साथ ही रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त पदभार संभल रहीं थीं। निर्मला ने पूरे आत्मविश्वास और लगन से वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का सफल नेतृत्व किया था। सीतारमण ने वाणिज्य मंत्रालय को बेहतर बनाने के लिए अनेक कदम उठाए और साथ ही निवेश आकर्षित करने के लिए व्यापारियों को बेहतर अवसर प्रदान किये हैं। निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्री बनाकर नरेंद्र मोदी ने वैश्विक मंच पर भी भारतीय लोकतंत्र की ताकत को दिखाया है। सीतारमण को रक्षा मंत्रालय ऐसे समय पर सौंपा जा रहा है जब देश के प़डोसी मुल्क लगातार तनाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं उनकी ि़जम्मेदारी बहुत ब़डी है और उनके कुशल प्रदर्शन की उम्मीद उन पर भरोसा दिखाने वाले प्रधानमंत्री को अवश्य होगी।

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