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‘आर्थिक सुस्ती’ की खबरों के बीच धनतेरस पर 30 टन सोने की बिक्री!

‘आर्थिक सुस्ती’ की खबरों के बीच धनतेरस पर 30 टन सोने की बिक्री!

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ऊंची कीमतों के बावजूद मूल्यवान धातु के प्रति आकर्षण, पीछे रह गए ‘आशंका के आंकड़े’

मुंबई/दक्षिण भारत। देश में ‘आर्थिक सुस्ती’ की खबरों के बीच धनतेरस पर मूल्यवान धातुओं की बिक्री के आंकड़े आपको चौंका सकते हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया में यह चर्चा शुरू हो गई है कि ‘मंदी का डर’ महज दिखावा है या इसकी कोई और वजह है।

दरअसल इस साल धनतेरस पर देशभर में करीब 30 टन सोना बिका है। आर्थिक परिदृश्य को लेकर आ रहीं खबरों के बीच ये आंकड़े उम्मीद से ज्यादा बताए जा रहे हैं। हालांकि तुलनात्मक रूप से विश्लेषण करें तो यह बिक्री पिछली बार की तुलना में कम है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
इस संबंध में इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने बताया कि पिछले वर्षों में धनतेरस पर यह आंकड़ा 40 टन रहा है। इस बार सोने के दाम ज्यादा थे। साथ ही बाजार में तरलता की कमी के मद्देनजर आशंका जताई जा रही थी कि सोने की बिक्री का यह आंकड़ा 20 टन के आसपास ही रहेगा।

सोने की तुलनात्मक रूप से कम बिक्री के पीछे घरेलू बाजार में उसकी ऊंची कीमत भी एक वजह रही, जो प्रति 10 ग्राम 7,000 रुपए तक चढ़ गई। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ दिन पहले तक इतनी खरीदारी की संभावना पर भी आशंका के बादल मंडरा रहे थे। हालांकि देश की जनता ने इन आशंकाओं को नकार दिया।

सोने के दाम ऊंचे क्यों?
सोने के दाम ऊंचे क्यों रहे? इस बारे में विशेषज्ञ कहते हैं कि अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में सोने का भाव तेज रहा है। आयात शुल्क में बढ़ोतरी के कारण भारत में इसकी कीमतों में और इजाफा हो गया। केंद्र सरकार ने जुलाई में बजट पेश करते हुए मूल्यवान धातुओं पर आयात शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया। इन सबका असर खरीदारी पर हुआ है। वहीं, त्योहारी सीजन में सोने की खरीदारी में तेजी आने लगी और धनतेरस पर यह आंकड़ा 30 टन तक पहुंच गया।

निवेश का सुरक्षित विकल्प
एक विशेषज्ञ कहते हैं कि पहले उनका अनुमान था कि इस बार सोने की बिक्री महज 20 ​टन का आंकड़ा ही छू पाएगी। दूसरी ओर, विशेषज्ञों का मानना है कि सोना आज भी निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण बना हुआ है। इसके पीछे बैंकों द्वारा एफडी की दरों में कटौती एक वजह है। इसके अलावा पीएमसी बैंक घोटाले के बाद बैंकों की निवेश योजनाओं के प्रति लोगों के मन में कई सवाल हैं। इन सबके बीच सोने में निवेश उन्हें एक सुरक्षित विकल्प लगता है। इस साल सोने में निवेश के बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

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