नई दिल्ली/भाषा। सरकार ने करदाताओं की बेहतर सुविधा और आयकर विभाग में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए आयकर की ऑनलाइन आकलन प्रक्रिया को अधिसूचित कर दिया है। इस प्रक्रिया के तहत करदाता और कर अधिकारी के बीच सीधे आमना-सामना नहीं होगा। साथ ही किस करदाता की कर रिटर्न का विश्लेषण किया जा रहा है, उसके बारे में जानकारी भी सामने नहीं आएगी।
इलेक्ट्रॉनिक आकलन की इस प्रक्रिया को केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को अधिसूचित कर दिया। इस योजना के तहत एक राष्ट्रीय ई-आकलन केन्द्र बनाया जाएगा। यह केन्द्र करदाता को उसके मामले को आकलन के लिए चयन किए जाने की जानकारी देने के साथ ही नोटिस जारी करेगा। इसके बाद 15 दिन के भीतर जवाब मिलने पर यह केन्द्र उस मामले को आकलन अधिकारी को आवंटित कर देगा। यह पूरी प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली के जरिए होगी। इसमें करदाता और अधिकारी के बीच सीधे कोई आमना-सामना नहीं होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इस नई प्रक्रिया को 8 अक्टूबर यानी विजय दशमी के दिन से शुरू किया जाएगा। इस संबंध में जारी अधिसूचना में कहा गया है, इस प्रक्रिया के तहत किसी भी व्यक्ति को स्वयं अथवा उसके द्वारा प्राधिकृत प्रतिनिधि के जरिए आयकर प्राधिकरण के समक्ष या फिर राष्ट्रीय ई-आकलन केन्द्र अथवा इस योजना के तहत तैयार किए गए किसी भी इकाई के समक्ष उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है।
इसमें कहा गया है कि यदि कोई करदाता अथवा उनका प्राधिकृत प्रतिनिधि व्यक्तिगत तौर पर आयकर अधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखना चाहता है तो वह ऐसा वह किसी भी आयकर इकाई में कर सकते हैं। यह सुनवाई विशिष्ट तौर पर वीडियो लिंक अथवा इसी तरह की किसी अन्य सुविधा के जरिए ही की जा सकेगी।