पेसीएम अभियान कांग्रेस की सत्ता में वापस आने की हताशा को दर्शाता हैः के सुधाकर
सुधाकर ने कहा- क्या ये कांग्रेसी नेता सत्यवादी हरिश्चंद्र हैं?
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के सुधाकर ने शनिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को निशाना बनाकर ‘पेसीएम’ अभियान शुरू किया, क्योंकि यह पार्टी लिंगायत समुदाय के मुख्यमंत्री को बर्दाश्त नहीं कर सकती।
सुधाकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, जो कोई भी सुशासन देता है, खासकर अगर मजबूत लिंगायत मुख्यमंत्री हैं, तो वे (कांग्रेस) उन्हें बाहर निकाल देते हैं। राज्य की जनता इसे नोटिस कर रही है।मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा यही किया है। वे हमेशा बड़े समुदाय को निशाना बनाते हैं। यह पहली बार नहीं है। उन्होंने केंगल हनुमंतैया को नहीं बख्शा। उन्होंने किसे बख्शा? प्रमुख समुदाय से मुख्यमंत्री जो भी हो, यही उनका निरंतर दृष्टिकोण है।
उनके अनुसार, बोम्मई के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार स्वच्छ प्रशासन दे रही है। पिछले 14 महीनों में लोग उन्हें जनता का मुख्यमंत्री मानते हैं।
मंत्री ने आरोप लगाया कि वे सुशासन दे रहे हैं, जिसे कांग्रेस नेता बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।
सुधाकर ने कहा कि पेसीएम अभियान कांग्रेस की सत्ता में वापस आने की हताशा को दर्शाता है। विपक्षी दल ने कर्नाटक में जितने भी मौके कम थे, उन्हें गंवा दिया है।
मंत्री ने बताया कि कैसे अभिनेता अखिल अय्यर ने अभियान में उनकी अनुमति के बिना तस्वीर के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने अभिनेता के ट्वीट का हवाला देते हुए कांग्रेस को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
यह आरोप लगाते हुए कि पेसीएम दुर्भावनापूर्ण राजनीतिक इरादे से भरा है, सुधाकर ने कहा, क्या ये कांग्रेसी नेता सत्यवादी हरिश्चंद्र हैं? उन्होंने कहा, इनमें से कितने जेल से लौटे हैं और कितने जमानत पर बाहर हैं, क्या उन्हें राजनीति और भ्रष्टाचार की बात करने में शर्म नहीं आती?
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस के शीर्ष नेता, जो भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं, जमानत पर बाहर हैं।
सुधाकर ने कहा कि इस पार्टी को भ्रष्टाचार पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि उसने कुप्रशासन के कारण सत्ता खो दी है।