Dakshin Bharat Rashtramat

'मंत्री समूह' के खिलाफ ईडी की बड़ी कार्रवाई, 300.4 करोड़ रु. की अचल संपत्ति जब्त

'मंत्री समूह' के खिलाफ ईडी की बड़ी कार्रवाई, 300.4 करोड़ रु. की अचल संपत्ति जब्त
खरीदारों की रकम को अन्य प्रोजेक्ट में डायवर्ट कर भरोसा तोड़ा


बेंगलूरु/दक्षिण भारत। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत एक अंतरिम कुर्की आदेश जारी किया है, जिसमें मंत्री समूह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 300.4 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति जब्त की है। यह कार्रवाई ‘मंत्री सेरेनिटी’, ‘मंत्री वेब सिटी’ और ‘मंत्री एनर्जिया’ आवासीय प्रोजेक्ट्स के घर खरीदारों को धोखा देने पर की गई है।

ईडी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मैसर्स कैसल्स विस्टा प्राइवेट लि. (मंत्री डेवलपर्स प्रा.लि. की सहायक कंपनी) और मैसर्स ब्योयंट टेक्नोलॉजी कॉन्स्टेलेशन प्राइवेट लि. (मंत्री डेवलपर्स प्रा.लि. की सहायक कंपनी) ने भ्रामक ब्रोशर दिखाकर, डिलीवरी की समय-सीमा का मिथ्याकरण और विंडो ड्रेसिंग प्रदर्शित करते हुए, आकर्षक ढंग से चित्रित योजनाओं के साथ घर खरीदारों को लुभाया। लेकिन संभावित खरीदारों से जमा राशि लेने के सात से दस साल बाद भी फ्लैटों की डिलीवरी नहीं हुई है।

ऐसे शुरू हुई जांच
इस संबंध में पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत जांच सुब्रमण्यपुरा पुलिस स्टेशन, बेंगलूरु द्वारा आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर शुरू की गई थी।

घर खरीदारों द्वारा मैसर्स मंत्री डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इसकी सहायक कंपनियों, निदेशकों और प्रमोटरों के खिलाफ कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन, बेंगलूरु में झूठे वादों के साथ घर खरीदारों को धोखा देने के आरोप में कई प्राथमिकी दर्ज की गईं।

संस्थापक पर कसा शिकंजा
प्रवर्तन निदेशालय ने 24 जून, 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत चल रही जांच के सिलसिले में, मंत्री डेवलपर्स प्रा.लि., बेंगलूरु स्थित रियल एस्टेट इकाई के संस्थापक और प्रमोटर निदेशक सुशील पी मंत्री को गिरफ्तार किया था।

ईडी ने बताया कि आगामी जांच से पता चला कि मैसर्स मंत्री डेवलपर्स प्रा.लि और उसकी सहायक कंपनियों ने घर खरीदारों के पैसे को अन्य प्रोजेक्ट्स में डायवर्ट किया, जो कि विश्वास का आपराधिक उल्लंघन है।

धन का आपराधिक दुरुपयोग
घर खरीदारों का पैसा, जो अच्छे विश्वास में डेवलपर्स को दिया गया था, वह प्रोजेक्ट्स के निर्माण के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए डायवर्ट किया गया, जिसके परिणामस्वरूप एकत्र किए गए धन में से 300.4 करोड़ रुपए का आपराधिक दुरुपयोग हुआ है। यह पीएमएलए, 2002 की धारा 3 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध बनता है।

इसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत ‘मंत्री सेरेनिटी’ और ‘मंत्री एनर्जिया’ आवासीय प्रोजेक्ट्स में 300.4 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति अटैच कर दी। मामले में जांच जारी है।

About The Author: Dakshin Bharat

Dakshin Bharat  Picture