चेन्नई: समुद्र तट पर मलबा डालने से स्थानीय लोगों में आक्रोश

कहा- अधिकारियों का उदासीन रवैया, ऐसे तो खत्म हो जाएंगे कछुए


चेन्नई/दक्षिण भारत। यहां नीलांकराय बीच पर बड़ी मात्रा में निर्माण सामग्री का मलबा डालने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। उनके दावे के मुताबिक, नजदीकी सरकारी कार्यालय के मजदूरों ने समुद्र तट पर यह मलबा डाल दिया। वही, स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि यह कुछ समय से हो रहा है, जिसके कारण कछुओं को आवास बनाने में दिक्कत हो रही है। इससे उनके अस्तित्व को खतरा हो सकता है।

एक कार्यकर्ता ने बताया कि इस तरह मलबे को समुद्र तट पर डालने से यहां अतिक्रमण होने लगेगा। उन्होंने नगर निगम अधिकारियो की भूमिका पर भी सवाल उठाए। कार्यकर्ता के मुताबिक, इससे समुद्री जीवों के अस्तित्व को नुकसान हो सकता है। यदि ऐसा भविष्य में भी होता रहा तो यहं स्थिति और खराब हो सकती है।

पर्यावरण संरक्षण संबंधी नियमों के खिलाफ
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि शहर के सभी समुद्री तटों के साथ कमोबेश समस्या रही है। यहां बिना विचार किए कचरा डाल दिया जाता है, जो पर्यावरण संरक्षण संबंधी नियमों के खिलाफ है। सरकार इन समस्याओं की ओर ध्यान नहीं देती।

यह भी बताया कि जिस जगह मलबा डाला गया है, वहां से कछुओं का आवास कुछ ही दूरी पर है। ऐसे में इन समुद्री जीवों के लिए अंडे देना मुश्किल हो जाएगा, जिससे कालांतर में उनके अस्तित्व पर ही खतरा मंडरा सकता है।

समुद्री जीवों के अस्तित्व पर संकट
समुद्री जीवों के संरक्षण से जुड़े एक कार्यकर्ता का कहना है कि समुद्र तट पर अप्राकृतिक सामग्री होने से कछुओं की जीवन संबंधी गतिविधियां अवरुद्ध हो सकती हैं। इससे उनके लिए यहां जगह नहीं बचेगी और वे खत्म हो जाएंगे।

स्थानीय निवासी बताते हैं कि यहां पहले भी कचरा डाला जाता रहा है। उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।

क्या कहते हैं अधिकारी?
मामला सोशल मीडिया पर आने के बाद एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने संबंधित स्थान का दौरा किया है। वहां से मलबा हटा लिया जाएगा।

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