पटाखा कारखानों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए लागू हों सुरक्षा उपाय: पन्नीरसेल्वम

निरीक्षण की कमी और एहतियाती उपायों की अनदेखी के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं


चेन्नई/दक्षिण भारत। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने तमिलनाडु के पटाखा कारखानों में बार-बार आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपाय लागू करने की मांग की है। अन्नाद्रमुक नेता ने एक बयान में कहा कि पटाखा कारखानों में ज्यादातर दुर्घटनाएं सुरक्षा संबंधी प्रभावी उपायों की कमी के कारण हुई हैं।

पटाखा कारखानों में हाल में हुईं दुर्घटनाओं का जिक्र करते हुए पन्नीरसेल्वम ने कहा, 'बार-बार दुर्घटनाएं और उसके बाद दुर्घटना पीड़ितों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से मुआवजा दे देना नियमित घटनाक्रम बन गया है।'

विपक्ष के उपनेता ने इस बात पर जोर दिया कि मजदूरों की जान बचाना मुआवजा देने से बेहतर है। उन्होंने कहा कि अधिकांश दुर्घटनाएं पटाखा कारखानों में रसायनों के मिश्रण के दौरान हुई हैं।

पन्नीरसेल्वम ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों को तीन महीनों में कम से कम एक बार पटाखा कारखानों का निरीक्षण करना चाहिए कि क्या वहां रसायनों का मिश्रण योग्य कर्मचारी की निगरानी में किया जा रहा है। इसके अलावा, अधिकारियों द्वारा सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सलाह भी देनी चाहिए कि सुरक्षा उपाय किए गए हैं।

उन्होंने कहा, निरीक्षण की कमी और एहतियाती उपायों की अनदेखी के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। कई अपीलों के बावजूद ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है।

उन्होंने कहा, इसलिए मुख्यमंत्री को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और पटाखा कारखानों में बार-बार आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिएं। उन्होंने कहा, दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों को रोकने के उपाय शुरू करने के लिए संबंधित अधिकारियों को भी सलाह देनी चाहिए।

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