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कर्नाटक: सरकारी पीयू कॉलेजों में बुर्का पहनकर आईं छात्राओं को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई

कर्नाटक: सरकारी पीयू कॉलेजों में बुर्का पहनकर आईं छात्राओं को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई
उडुपी के मनीपाल स्थित एमजीएम कॉलेज में कक्षाएं शुरू नहीं हो सकीं, जहां पिछले हफ्ते विद्यार्थियों के समूहों ने एक दूसरे के खिलाफ नारे गए थे


बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद की वजह से हफ्तेभर बाद बुधवार को कई प्री यूनिवर्सिटी (विश्वविद्यालय पूर्व) कॉलेज खोले गए, लेकिन बुर्का पहनी मुस्लिम छात्राओं को कॉलेजों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।

कई संवेदनशील स्थानों पर प्री यूनिवर्सिटी कॉलेजों के आसपास सुरक्षा चाक चौबंद थी और पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी लेकिन मुस्लिम छात्राओं का एक वर्ग बुर्का उतारने पर राज़ी नहीं था।

उडुपी जिले में प्री यूनिवर्सिटी (पीयू) और डिग्री कॉलेज बुधवार को खोल दिए गए। पुलिस कॉलेजों के आसपास कड़ी निगरानी रख रही है जहां आपराधिक दंड संहिता प्रक्रिया (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधात्मक आदेश लागू किए गए हैं।

उडुपी में सरकारी पीयू महिला कॉलेज के प्रधानाचार्य रूद्रे गौड़ा ने बताया कि हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख करने वाली छह मुस्लिम छात्राएं कॉलेज से अनुपस्थित रही।

कॉलेज में कक्षाएं सुचारू रूप से चल रही हैं जहां अन्य मुस्लिम छात्राओं ने कक्षाओं में प्रवेश से पहले हिजाब उतार दिया।

जिले के कुंडापुर सरकारी पीयू कॉलेज में 23 छात्राओं ने हिजाब पहने रहने पर जोर दिया, लिहाज़ा उन्हें बुधवार को कक्षा में नहीं जाने दिया गया। उन्हें पिछले हफ्ते एक अलग कमरे में बैठाया गया था, क्योंकि उन्होंने कक्षा में प्रवेश करने से पहले सिर ढकने वाला हिजाब उतारने से मना कर दिया था।

उडुपी के मनीपाल स्थित एमजीएम कॉलेज में कक्षाएं शुरू नहीं हो सकीं, जहां पिछले हफ्ते विद्यार्थियों के समूहों ने एक दूसरे के खिलाफ नारे गए थे। अधिकारियों ने बुधवार को कॉलेज के लिए छुट्टी का ऐलान किया है।

जिले के अज्जरकड़ में जी शंकर सरकारी महिला प्रथम श्रेणी कॉलेज में हिजाब उतारने पर ही मुस्लिम छात्राओं को कक्षाओं में प्रवेश करने की अनुमति दी गई और ऐसा करने से मना करने वाली छात्राओं को अलग कक्षा में बिठाया गया।

छात्राओं ने शिकायत की कि वे पूरे शैक्षणिक वर्ष में कक्षाओं में हिजाब पहना करती थीं और नया फैसला अचानक आया है।

उच्च न्यायालय ने हिजाब विवाद से संबंधित सभी याचिकाओं के लंबित रहने तक पिछले हफ्ते दिए अंतरिम आदेश में कक्षाओं में विद्यार्थियों को भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब और कोई भी धार्मिक झंडा नहीं पहनने का निर्देश दिया था।

बुधवार को डिग्री कॉलेज भी खोल दिए गए। हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन कॉलेजों में किसी भी तरह की कोई वर्दी संहिता नहीं है।

बुर्का पहनी लड़कियों को ज्यादातर सरकारी प्री यूनिवर्सिटी कॉलेजों में प्रवेश नहीं दिया गया जिससे वहां तनाव हो गया।

शिवमोगा जिले में सागर सरकारी प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज में तनाव के बाद कॉलेज प्रशासन ने आज छुट्टी का ऐलान कर दिया।

शिवमोगा के डीवीएस कॉलेज में कॉलेज के द्वार के बाहर खड़ी छात्राओं ने संवाददाताओं से कहा कि किसी भी सरकारी आदेश से ज्यादा, उनकी आस्था अहम है।

एक छात्रा ने पत्रकारों से कहा, आज हमारी परीक्षा थी और हमें अंदर जाने की अनुमति नहीं है। हमारे लिए, अपनी आस्था का पालन करना उतना ही अहम है जितनी शिक्षा। बुर्का हमारी आस्था का हिस्सा है। हम इसे हटाने नहीं देंगे।

विजयपुरा में, लड़कियों को परिसर के अंदर नहीं जाने दिया गया क्योंकि उन्होंने अपना बुर्का उतारने से इनकार कर दिया था। इसी तरह की घटनाएं बीजापुर, कलबुर्गी और यादगीर में भी हुईं।

हिजाब बनाम भगवा स्कार्फ की वजह से पिछले हफ्ते राज्य के कई हिस्सों में अप्रिय घटनाएं हुई थीं। नौ फरवरी से उच्चतर विद्यालय, पीयू और डिग्री कॉलेज बंद थे।

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