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चुनाव आयोग ने सत्तारुढ अन्नाद्रमुक खेमे को सौंपा चुनाव चिन्ह

चुनाव आयोग ने सत्तारुढ अन्नाद्रमुक खेमे को सौंपा चुनाव चिन्ह

चेन्नई। राज्य की अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) पार्टी में वीके शशिकला और उनके गुट को झटका उस समय लगा जब चुनाव आयोग ने गुरुवार को अन्नाद्रमुक का चुनाव चिन्ह ईके पलानीस्वामी और ओ पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले गुट को आवंटित कर दिया। हालांकि चुनाव आयोग ने इस संबंध में अभी औपचारिक घोषणा नहीं की है। मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी ने गुरुवार को ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। मुख्यमंत्री के ट्वीट करने के बाद से ही राज्यभर में पन्नीरसेल्वम और पलानीस्वामी गुट के समर्थकों में खुशी की लहर दौ़ड गई। पलानीस्वामी ने इस उपलब्धि को ‘एक स्वागत योग्य कदम’’ और पार्टी के लिए सबसे खुशी का दिन बताया। अन्नाद्रमुक के कार्यकर्ताओं ने पटाखे फो़डकर और रोयापेटा स्थित पार्टी मुख्यालय के सामने मिठाई बांटकर अपनी जीत का जश्न मनाया। चुनाव आयोग का यह फैसला निष्काषित पार्टी नेता वी के शशिकला के साथ ही उनके भतीजे और अन्नाद्रमुक से दरकिनार किए गए पार्टी के उप महासचिव टीटीवी दिनाकरण के लिए एक झटका है। पलानीस्वामी ने इस संबंध में गुरुवार को संवाददाताओं को बताया कि उनके ध़डे ने इस चुनाव चिन्ह पर दावा पेश करने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज और हलफनामे उपलब्ध कराए थे। यह मामला आर के नगर निर्वाचन क्षेत्र के लिए उप चुनावों की घोषणा करने के बाद अप्रैल से ही लंबित प़डा था। हालांकि चुनाव में पैसों के इस्तेमाल और भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद उपचुनाव रद्द हो गया था। चुनाव आयोग ने तब अन्नाद्रमुक पार्टी का नाम और उसके चुनाव चिन्ह को जब्त कर लिया था जिसके बाद पार्टी के ध़डों ने इस पर अपना-अपना दावा पेश किया था। पनीरसेल्वम ने सबसे पहले शशिकला के खिलाफ विद्रोह किया और फिर पलानीस्वामी के विद्रोह करने के बाद उनके नेतृत्व वाले ध़डे में अपने ध़डे का विलय कर दिया। अन्नाद्रमुक के विवादित दो पत्ती चुनाव चिन्ह पर चुनाव आयोग ने आखिरकार अपना फैसला सुना दिया। चुनाव आयोग ने अन्नाद्रमुक के पलानीस्वामी-पन्नीरसेल्वम वाले ध़डे को तीन पत्ती का चुनाव चिन्ह सौंप दिया है। फैसले पर पार्टी सांसद वी मैत्रेयन ने कहा, हालांकि हमें अभी फैसले की प्रति नहीं मिल सकी है लेकिन चुनाव आयोग ने हमें इस बात की जानकारी दे दी है। उन्होंने कहा कि यह पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के पदचिन्हों का अनुसरण करने वाले तथा सच के साथ चलने वाले अन्नाद्रमुक के लाखों कैडरों की जीत है।

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