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सूखाग्रस्त कर्नाटक को क्लाउड सीडिंग से आस

सूखाग्रस्त कर्नाटक को क्लाउड सीडिंग से आस

बेंगलूरु। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री एचके पाटिल ने सोमवार को कहा कि लगातार तीसरे वर्ष सूखे की मार झेल रहे कर्नाटक में इस वर्ष कम बारिश की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार के पास विस्तृत कार्यक्रम है। क्लाउड सीडिंग या कृत्रिम वर्षा जिसे सरकार ने ‘वर्षा धारे’’ नाम दिया है की शुरुआत करने के बाद मंत्री ने कहा कि ३५ करो़ड रुपए से इस योजना की शुरुआत की गई है। पिछले वर्ष भी क्लाउड सीडिंग की योजना थी लेकिन विभिन्न कारणों से इसे क्रियान्वित नहीं किया जा सका। हालांकि इस वर्ष भी राज्य में सूखे ने दस्तक देनी शुरु कर दी है जो लगातार चौथा वर्ष है, इसलिए सरकार ने क्लाउड सीडिंग को स्वीकृति प्रदान की। पाटिल ने कहा कि दुनिया के कई देश जिनमें यूरोप, चीन, थाइलैंड आदि शामिल हैं सफलतापूर्व क क्लाउड सीडिंग से वर्षा करा चुके हैं और हमें उम्मीद है कि कर्नाटक में भी यह सफल होगा। राज्य के कृषि मंत्री कृष्ण बैरेगौ़डा ने कहा कि हर साल राज्य में सूखा के कारण १०,००० करो़ड रुपए से १५,००० करो़ड रुपए का नुकसान हो रहा है और सूखा राहत कार्यों के लिए ५००० करो़ड रुपए से ६००० करो़ड रुपए खर्च किए जा रहे हैं। विशेषज्ञों द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर क्लाउड सीडिंग वैज्ञानिक तरीके से शुरु किया गया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक देश का पहला राज्य है जिसने सूखे से राज्य को बचाने के लिए क्लाउड सीडिंग हेतु बजट निर्धारित किया है। राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री एम. सीताराम ने कहा कि कर्नाटक देश का पहला राज्य है जिसने वर्ष-२००३ में क्लाउड सीडिंग की शुरुआत की थी।

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