दिनाकरण के बयान पर डिंडिगल ने दी सफाई
दिनाकरण के बयान पर डिंडिगल ने दी सफाई
कोयंबटूर। राज्य के वन मंत्री और अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के वरिष्ठ नेता डिंडिगल श्रीनिवासन ने शनिवार को टीटीवी दिनाकरण द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों को ४२० बताने वाले बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि इस बयान पर खुद दिनाकरण ने भी बाद में यह स्पष्ट कर दिया था कि अन्नाद्रमुक के लेटर हेड पर उन्हें पार्टी के उप महासचिव पद के लिए अयोग्य करार देने के लिए प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद क्रोध में आकर उन्होंने यह बात कही थी।मंत्री ने कहा कि दिनाकरण ने जुबान फिसलने के कारण यह बात कही होगी और इसको ज्यादा तूल नहीं दिया जाना चाहिए। दिनाकरण द्वारा पलानीसामी को ‘४२०’’ बताए जाने के बाद पलानीसामी द्वारा यह शब्द दिनाकरण पर सटीक बैठने की बात कहे जाने के बारे में पूछे जाने पर डिंडिगल श्रीनिवासन ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी में जो मौजूदा समय में खींचातान चल रही है वह दो भाइयों के बीच विवाद की तरह है और इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।पूर्व मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम को उप मुख्यमंत्री बनाने के बारे में चल रहे अटकलों को दरकिनार करते हुए उन्होंने कहा कि अगर इस प्रकार की कोई बात होती तो मुख्यमंत्री पलानीसामी स्वयं ही इसकी घोषणा करते। उन्होंने कहा कि पार्टी और सरकार में क्या फेरबदल होंगे इसके बारे में अभी कुछ भी कहना अतिश्योक्ती होगी। मंत्री ने कहा कि मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए पार्टी के सभी ध़डों को एक साथ रहने की आवश्यकता होगी। यदि ऐसा नहीं होता है तो इसका नुकसान अंतत: पार्टी को ही उठाना प़डेगा। पार्टी के सभी ध़डों के एक साथ रहने पर ही राज्य के लोगों के हितों के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के सपने को पूरा किया जा सकता है।उन्होंने यहां आयोजित होने वाले एमजीआर जन्मशताब्दी समारोह की तैयारियों के बारे मंे चर्चा करने के लिए बुलाई गई बैठक में हिस्सा लिया। विश्व हाथी दिवस पर उन्होंने हाथियों के आवासीय इलाके में प्रवेश करने की सूचना देने के लिए टोल फ्री नंबर १८००४२५४५४५६ की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों को आवासीय इलाकों में प्रवेश करने से रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मानव पशु संघर्ष की घटनाओं को रोकने के लिए शुरु की जाने वाली योजना के लिए १.३८ करो़ड रुपए की राशि आवंटित की है। हाथियों को गांवों में आने से रोकने के लिए एक त्वरित बल का गठन किया गया है और दो आधुनिक वाहन खरीदे गए हैं।