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कमल हासन की टिप्पणियों के बाद डेंगू से भिड़ने की जुगत तेज

कमल हासन की टिप्पणियों के बाद डेंगू से भिड़ने की जुगत तेज

चेन्नई। सत्तारू़ढ अन्नाद्रमुक ने रविवार को अभिनेता कमल हासन पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें नहीं पता कि सरकार के खिलाफ उनकी टिप्पणियां उन्हें बाद में प्रभावित करेंगी और अभी उनका समर्थन कर रहे विपक्षी दल कुछ समय के बाद उन्हें मंझधार में छो़ड देंगे। अन्नाद्रमुक के मुखपत्र नमाधु डाक्टर एमजीआर में रविवार को कहा गया कि द्रमक सहित विपक्षी दलों ने विश्वरूपम अभिनेता के समर्थन में आवाज उठाई है जिन्होंने ज्यादा उत्साह के कारण राज्य सरकार के खिलाफ टिप्पणी की हैं। गौरतलब है कि अभिनेता कथित भ्रष्टाचार और डेंगू की घटनाओं सहित अन्य मुद्दों पर राज्य सरकार को निशाना बना रहे हैं।अखबार में मुख पृष्ठ पर छपी खबर में कहा गया कि इसके (दलों के समर्थन) कारण, वह समझ रहे हैं कि पूरा तमिलनाडु उनके साथ ख़डा है और वह सरकार के खिलाफ हर दिन अपनी राय रख रहे हैं। इसमें कहा गया कि अपनी भावुक टिप्पणियों और बातों से वह फिलहाल चर्चा में हैं लेकिन उन्हें नहीं पता कि यह उन्हें बाद में प्रभावित करेगा।

कोयंबटूर। मॉनसूनी बारिश शुरू होने के साथ ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में डेंगू की समस्या ने सिर उठाना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने रविवार को दावा किया कि इस समस्या से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। सत्तासीन अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुन्नेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक)से हाल में लोकप्रिय तमिल और हिंदी अभिनेता कमल हासन द्वारा उठाए गए एक प्रश्न और उनकी आलोचनाओं के उत्तर में मुख्यमंत्री के पलानीसामी ने आज आश्वस्त किया कि राज्य सरकार को अपने नागरिकों की सेहत का पूरा ख्याल है। सीएम ने कहा, ’’हम (डेंगू से लोगों को निजात दिलाने के लिए) युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं्। इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि किसी भी जगह बारिश से जलभराव की समस्या उत्पन्न हो तो अधिक समय तक पानी ठहरा न रह सके। लोगों को इसके बारे में जागरूक करने के साथ ही जगह-जगह मच्छरों को मारने के लिए फागिंग भी की जा रही है।’’गौरतलब है कि पिछले हफ्ते गुरुवार को अभिनेता कमल हासन ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि अगर राज्य सरकार डेंगू से होने वाले बुखार के मामलों से लोगों को निजात नहीं दिला सकती है तो उसे सत्ता से अलग हो जाना चाहिए्। इससे पहले राज्य के कई स्थानों पर डेंगू से लोगों के पीि़डत होने की कई खबरें प्रकाशित हुई थीं्। कोयंबटूर जिले में ९ जून को एक महिला और उसके बेटे की डेंगू के ङ्घकारण मौत होने की खबर भी मीडिया में आई थी। इन घटनाओं पर अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को घेरते हुए कमल हासन ने मुख्यमंत्री सहित कई मंत्रियों के काम-काज की आलोचना की थी। उन्होंने राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप भी लगाया था। वहीं, पत्रकारों के एक प्रश्न के उत्तर में पलानिसामी ने कहा कि उनकी सरकार के खिलाफ लगाया गया यह आरोप गलत है कि डॉक्टरी और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए होने वाली नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यानी नीट परीक्षा में तमिलनाडु बोर्ड के पाठ्यक्रम से १२वीं उत्तीर्ण परीक्षार्थियों की असुविधाओं के बारे में राज्य सरकार ने केंद्र पर पर्याप्त दबाव नहीं बनाया।पलानिसामी ने ध्यान दिलाया कि उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर राज्य विधानसभा द्वारा इस विषय में पारित दो विधेयकों को मंजूरी देने की मांग की है। इसके साथ ही हाल में राज्य के एक प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी इस पर विचार-विमर्श किया है।द्बरुद्भद्बैंख़य्र्‍ फ्ष्ठ द्मंश्च द्यय्ःद्भ प्ह्श्रह्ख् द्मर्‍्यत्र ज्य्द्यर्‍ ·र्ैंद्यद्मष्ठ ·र्ैंर्‍ द्बय्ैंख्कप़डा और वस्त्रोद्योग क्षेत्र में अग्रणी तिरुपुर के कारोबारियों और निर्यातकों ने पलानीसामी से मांग की है कि वह जल्दी ही नई वस्त्रोद्योग नीति घोषित करें्। शनिवार को उन्हें सौंपे गए एक ज्ञापन में तिरुपुर निर्यातक संघ के अध्यक्ष राजा एम षन्मुगम ने जोर दिया कि तमिलनाडु के वस्त्र निर्यात में ब़ढोत्तरी करने के लिए राज्य सरकार को अपनी वस्त्र निर्यात नीति में काफी बदलाव करने की जरूरत है। उन्होंने आग्रह किया है कि मुख्यमंत्री ब़डी वस्त्र कंपनियों के लिए ठेके के आधार पर काम करने वाली छोटी इकाइयों पर जीएसटी के तहत लगाए गए १८ प्रतिशत कर की समीक्षा करें और इसे ५ प्रतिशत किया जाए्। वहीं, मानव निर्मित सूत और धागों पर जीएसटी की दर भी १८ प्रतिशत के स्थान पर १२ प्रतिशत करने की मांग की गई है।

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