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जगदीश शेट्टर ने की रमानाथ राई के इस्तीफे की मांग

जगदीश शेट्टर ने की रमानाथ राई के इस्तीफे की मांग

बेंगलूरु। प्रदेश के वन मंत्री रमानाथ राई की वरिष्ठ आरएसएस नेता कालदका प्रभाकर भट्ट को गिरफ्तार करने सम्बन्धी दक्षिणी कन्ऩड पुलिस अधीक्षक को निर्देश देने वाली क्लिप सोशल मीडिया वायरल हुई जिससे इस मामले को लेकर सोमवार को कर्नाटक विधानसभा के दोनों सदनों में जोरदार बहस हुई। सप्ताहांत के ब्रेक के बाद सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो विपक्षी नेता जगदीश शेट्टर ने इस मुद्दे को उठाया और राई के इस्तीफे की मांग करते हुए उन पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया। दक्षिण कन्ऩड में कल्लाडका के छोटे से शहर में इस महीने की शुरुआत में सांप्रदायिक हिंसा की घटना हुई थी और मंत्री ने आरोप लगाया कि भट्ट ने लोगों के एक वर्ग को अशांति पैदा करने के लिए उकसाया था और फिर उन लोगों के लिए शरण दी जो कथित तौर पर हत्या की घटना में शामिल थे। वीडियो में पुलिस अधीक्षक के साथ इस मुद्दे पर हुई चर्चा को लेकर सीआरपीसी की धारा ३०७ के तहत मामला दर्ज करने और उन्हें जेल भेजने की मांग की गई है। शेट्टर ने आरोप लगाया कि राई ने अधीक्षक को बंटवाल के निरीक्षण बंगले में बुलाकर उन्हें निर्देश दिया था, हालांकि भट इस घटना में शामिल नहीं थे।मंत्री के इस कृत्य की निंदा करते हुए शेट्टर ने कहा कि यदि राई इस्तीफा नहीं देते हैं तो मुख्यमंत्री को उनको मंत्रिमंडल से हटा देना चाहिए। हालांकि राई ने कहा कि भट्ट हिंसा में शामिल थे और उन्होंने समाज विरोधी तत्वों की मदद भी की और मस्जिद से आ रहे एक किशोर को चाकू मारा। उन्होंने कहा कि यह सच है कि उन्होंने पुलिस अधीक्षक को हिंसा के बारे में बात करने के लिए बुलाया था और उन्हें ऐसी स्थिति उत्पन्न करने वालों को गिरफ्तार करने के लिए कहा था।भाजपा के सदस्य सुनील कुमार, के जी बोपय्या, विश्वेश्वर हेग़डे कागेरी तथा अन्य ने इसका विरोध किया और कहा कि राई दक्षिणी कन्ऩड में सांप्रदायिक हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं। साथ ही कहा कि यदि मंत्री अल्पसंख्यक वोटों को लुभाना चाहते हैं तो वह ऐसा कर सकते हैं, लेकिन उन्हें निर्दोष आरएसएस नेता को अपने स्वार्थ के लिए लक्ष्य नहीं करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि यही कारण है कि राज्य में भाजपा कार्यकर्ताओं और आरएसएस सदस्यों की हत्याएं हो रही हैं। इस पर कांग्रेस के सदस्य अभयचंद्र जैन और मोइनुद्दीन बावा और दक्षिण कन्ऩड जिले के अन्य सदस्यों ने भाजपा सदस्यों द्वारा लगाए गए आरोपों का विरोध किया और कहा कि भाजपा तटीय जिले में अशांति उत्पन्न कर रही है। कल्लादका में सांप्रदायिक हिंसा का मुद्दा विधान परिषद में भी आया जिसमें भाजपा सदस्य एमएस तारा अनुराधा और कोटा श्रीनिवास पुजारी ने राई की निंदा करते हुए उनका इस्तीफा मांगा । गृह मंत्री जी परमेश्वर ने हालांकि राई का बचाव किया और कहा कि वास्तव में भट्ट ने युवाओं के एक वर्ग को हिंसा करने के लिए उकसाया। अशांति पैदा करने के लिए उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं। सरकार सांप्रदायिक हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि राई ने भट की गिरफ्तारी के लिए ही पुलिस अधीक्षक को बुलाया था।

वीडियो में पुलिस अधीक्षक के साथ इस मुद्दे पर हुई चर्चा को लेकर सीआरपीसी की धारा 307 के तहत मामला दर्ज करने और उन्हें जेल भेजने की मांग की गई है। शेट्टर ने आरोप लगाया कि राई ने अधीक्षक को बंटवाल के निरीक्षण बंगले में बुलाकर उन्हें निर्देश दिया था, हालांकि भट इस घटना में शामिल नहीं थे।

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