बेंगलूरु की 16 मस्जिदों को लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर हलफनामा दाखिल करने का आदेश

बेंगलूरु की 16 मस्जिदों को लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर हलफनामा दाखिल करने का आदेश

प्रतीकात्मक चित्र। फोटो स्रोत: PixaBay

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बेंगलूरु की 16 मस्जिदों को लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। न्यायालय की डिवीजनल बेंच ध्वनि प्रदूषण मामले को लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस दौरान उसने बेंगलूरु की 16 मस्जिदों के प्रबंधन को लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के संबंध में हलफनामा प्रस्तुत करने का आदेश दिया।

उल्लेखनीय है कि मामले में थानिसंद्रा रोड स्थित आइकॉन अपार्टमेंट के 32 निवासियों ने याचिका दायर की थी, जिसके बाद उच्च न्यायालय ने उक्त आदेश जारी किया। मामले की सुनवाई के दौरान मस्जिद प्रबंधन की ओर से दलील दी गई कि उनके पास लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए जरूरी अनुमति है।

न्यायालय ने क्या कहा?
इसके बाद मुख्य न्यायाधीश एएस ओका और न्यायमूर्ति संजय गौड़ा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मस्जिद प्रबंधन को न्यायालय के समक्ष एक हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया कि क्या वे ध्वनि प्रदूषण से बचने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं।

न्यायालय ने हलफनामे में इस बात का भी उल्लेख करने के लिए कहा कि क्या मस्जिद प्रबंधन ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) के दिशा-निर्देशों के अनुसार लाइसेंस प्राप्त किया है। यदि लाइसेंस प्राप्त नहीं किया है तो वे लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं करेंगे।

ये मामले भी रहे चर्चा में
बता दें कि यह पहला मामला नहीं है जब धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर किसी ने आपत्ति जताई है। इसी साल मार्च में इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर डॉ. संगीता श्रीवास्तव ने मस्जिद में अज़ान के दौरान लाउडस्पीकर के उपयोग से नींद बाधित होने की शिकायत की थी। उन्होंने इस संबंध में प्रशासन से मांग की थी कि अज़ान के समय लाउडस्पीकर के उपयोग पर रोक लगाई जाए।

अप्रैल 2017 में बॉलीवुड गायक सोनू निगम ने ट्वीट कर यह शिकायत की थी कि उनके घर के पास स्थित मस्जिद से हर सुबह लाउडस्पीकर पर तेज आवाज में अज़ान दी जाती है, जिससे उनकी नींद बाधित होती है। इसके बाद मामले को लेकर भारी हंगामा हुआ था। कई लोगों ने सोनू निगम का समर्थन तो कुछ ने विरोध किया था।

About The Author: Dakshin Bharat