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बेंगलूरु: अब रेल यात्रियों के लिए हवाई अड्डे जैसा एसी युक्त टर्मिनल

बेंगलूरु: अब रेल यात्रियों के लिए हवाई अड्डे जैसा एसी युक्त टर्मिनल
बेंगलूरु: अब रेल यात्रियों के लिए हवाई अड्डे जैसा एसी युक्त टर्मिनल

प्रतीकात्मक चित्र। फोटो स्रोत: PixaBay

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। देश का पहला केंद्रीयकृत एसी रेलवे टर्मिनल सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल बेंगलूरु (बयपनहल्ली तीसरा कोचिंग टर्मिनल) फरवरी के आखिर तक तैयार हो जाएगा। बता दें कि यह टर्मिनल रेल यात्रियों के लिए हवाई अड्डे जैसा अनुभव प्रदान करेगा। वर्तमान में रेलवे स्टेशनों पर रिटायरिंग रूम जैसे कुछ ही स्थान वातानुकूलित हैं, लेकिन इस टर्मिनल में केंद्रीकृत एसी प्रणाली होगी।

इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (आईआरएसडीसी) मध्य-प्रदेश में हबीबगंज और गुजरात के गांधीनगर जैसे स्टेशनों में सार्वजनिक-निजी-साझेदारी मॉडल के तहत केंद्रीयकृत एसी प्रणाली की योजना बना रहा है।

उल्लेखनीय है कि अभी 164 जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनें और 109 जोड़ी यात्री ट्रेनें केएसआर बेंगलूरु सिटी और यशवंतपुर टर्मिनलों से संचालित की जा रही हैं। नए टर्मिनल को 2015-16 में मंजूरी दी गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि वह दक्षिण पश्चिम रेलवे को बेंगलूरु से और अधिक ट्रेनों के संचालन में मदद करेगा।

4,200 वर्गमीटर और 314 करोड़ रुपए की लागत का स्टेशन भवन रोजाना 50,000 लोगों के आवागमन संबंधी जरूरतों को पूरा करेगा। यह टर्मिनल आठ स्टेबल लाइनों और तीन पिट लाइनों से युक्त होगा। साथ ही सात प्लेटफॉर्म होंगे। इससे रोजाना 50 ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा।

यही नहीं, टर्मिनल में पार्किंग सुविधा का भी खास ध्यान रखा गया है। यहां 250 कारों, 900 दोपहिया वाहनों, 50 ऑटोरिक्शा, पांच बीएमटीसी बसों और 20 कैब के लिए पार्किंग की सुविधा होगी।

टर्मिनल में यात्रियों के लिए विभिन्न सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। इसमें उच्च श्रेणी का प्रतीक्षालय, डिजिटल वास्तविक समय यात्री सूचना प्रणाली और फूड कोर्ट के साथ वीआईपी लाउंज होगा। एस्केलेटर और लिफ्ट यात्री के आवागमन को सुविधाजनक बनाएंगे। दो सबवे के साथ फुट ओवर-ब्रिज सभी प्लेटफार्मों को जोड़ेगा। टर्मिनल के निर्माण को लेकर यात्री उत्साहित हैं।

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