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कर्नाटक में रहने वाले विभिन्न क्षेत्रों के लोग कन्नड़ सीखें : मुख्यमंत्री

कर्नाटक में रहने वाले विभिन्न क्षेत्रों के लोग कन्नड़ सीखें : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा ने राज्य में रहने वाले देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से कन्नड़ सीखने का आह्वान किया है ताकि कर्नाटक की संस्कृति और यहॉं के लोगों के साथ उनका जुड़ाव और मजबूत हो सके। शुक्रवार को यहॉं कंटीरवा इंडोर स्टेडियम में राज्य के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित 64वें कर्नाटका राज्योत्सवा समारोह में उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्नड़ भाषा का इतिहास 2000 वर्षों से अधिक प्राचीन है और जिसे पम्पा, हरिहरा, 12वीं सदी के समाज सुधारक बसवण्णा एवं कुवेम्पू जैसे महान साहित्यकारों ने अपने-अपने समय में समृद्ध किया है। उन्होंने कहा कि प्राचीन साहित्य से लेकर मध्ययुगीन साहित्य, नवजागरण, अग्रगामी लेखन, क्रांतिकारी साहित्य और दलित साहित्य तक सबने कन्नड़ भाषा में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। येडियुरप्पा ने कहा कि कर्नाटक के साहित्यकारों को अब तक आठ ज्ञानपीठ पुरस्कार मिल चुके हैं्। अपने भाषण से पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा ने भारतीय तिरंगे के साथ कर्नाटक के ध्वज का ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली। इसके पश्‍चात शहर के विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने मार्च पास्ट किया और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। कर्नाटक राज्योत्सव के उपलक्ष्य में मैसूरु, टुमकूरु, मंगलूरु, हुब्बली-धारवाड़, बेलगावी, बीदर, रायचूर, विजयपुरा एवं कलबुर्गी सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में भव्य समारोहों का आयोजन किया गया, जिनमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए।

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