येडियुरप्पा ने विधानसभा में बहुमत साबित किया
येडियुरप्पा ने विधानसभा में बहुमत साबित किया
बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा ने ध्वनि मत के जरिए विश्वास प्रस्ताव जीत कर विधानसभा में सोमवार को अपना बहुमत साबित किया।
संख्या बल भाजपा सरकार के पक्ष में होने की वजह से कांग्रेस-जद (एस) ने येडियुरप्पा द्वारा पेश किए गए एक पंक्ति के विश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन का दबाव नहीं बनाया। इस प्रस्ताव में येडियुरप्पा ने कहा था कि सदन उनके नेतृत्व में बनी तीन दिन पुरानी सरकार में भरोसा जताता है।चूंकि विपक्ष ने मत विभाजन के लिए दबाव नहीं बनाया, अध्यक्ष केआर रमेश ने घोषणा की कि प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित किया जाता है।
भाजपा के आसानी से विश्वासमत हासिल करने की संभावना थी क्योंकि अध्यक्ष द्वारा 17 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद 225 सदस्यीय विधानसभा की संख्या घट कर 208 रह गई थी।
इससे पहले प्रस्ताव पेश करते हुए येडियुरप्पा ने कहा कि कांग्रेस-जद (एस) शासन के दौरान प्रशासनिक तंत्र पटरी से उतर गया है और कहा कि उनकी प्राथमिकता इसे वापस पटरी पर लाना है।
उन्होंने कहा कि वे प्रतिशोध की राजनीति में लिप्त नहीं होंगे क्योंकि वे ‘भूल जाने और माफ करने’ के सिद्धांत में विश्वास करते हैं।
येडियुरप्पा ने कहा, मेरा मुख्यमंत्री बनना लोगों की उम्मीदों के अनुरूप है। उन्होंने एचडी कुमारस्वामी की जगह ली है जिनकी 14 माह पुरानी सरकार बागी विधायकों के विरोध के चलते गिर गई। येडियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने कठिन स्थिति में पद संभाला है जब राज्य सूखे से ग्रस्त है।
उन्होंने कहा, प्रशासनिक तंत्र ढह गया है..मेरी प्राथमिकता इसे वापस पटरी पर लाने की है। साथ ही उन्होंने इसमें विपक्ष के सहयोग की भी मांग की।
कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्दरामैया ने कहा कि येडियुरप्पा सरकार ‘असंवैधानिक एवं अनैतिक’ है और उन्होंने इसके ज्यादा समय तक चल पाने पर संदेह जताया।
सिद्दरामैया ने कहा, आपके पास लोगों का जनादेश नहीं है। उन्होंने कहा, आपके पक्ष में जनादेश कहां है…बहुमत कहां है…येडियुरप्पा महज 105 सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री बने हैं।
सिद्दरामैया ने येडियुरप्पा से कहा, चलिए देखते हैं आप कितने लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहते हैं…मैं चाहता हूं कि आप मुख्यमंत्री के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा करें लेकिन मेरे विचार में आप इसे पूरा नहीं कर पाएंगे।
जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी ने येडियुरप्पा के आरोप का खंडन किया कि प्रशासनिक तंत्र पटरी से उतर गया है। उन्होंने कहा कि यह एक निराधार आरोप है।