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वीरशैव लिंगायत को अलग धर्म बनाने का सवाल नहीं : येड्डीयुरप्पा

वीरशैव लिंगायत को अलग धर्म बनाने का सवाल नहीं : येड्डीयुरप्पा

शिवमोग्गा। लिंगायत समुदाय के एक गुट ने १८ जुलाई को बीदर में लिंगायत समुदाय के लिए एक अलग धर्म के गठन की मांग की थी जिस पर मुख्यमंत्री सिद्दरामैया का सकारात्मक जवाब था। इस मामले पर लिंगायत नेता और भाजपा के राज्य अध्यक्ष बीएस येड्डीयुरप्पा गुस्से में हैं। शनिवार शाम शिवमोग्गा में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए येड्डीयुरप्पा ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दरामैया लिंगायत समुदाय को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं।येड्डीयुरप्पा ने मीडिया से कहा कि वीरशैव और लिंगायत में कोई अंतर नहीं है। हम हिन्दू हैं और इस धर्म से अलग नहीं हो सकते। सिद्दरामैया यहां विभाजन कर शासन करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि लिंगायत समुदाय एकजुट होकर हमेशा की तरह ख़डा होगा। एक अलग धर्म बनाने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एक धार्मिक मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, साथ ही कहा कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है और धर्म के मामले में राजनीति नहीं की जानी चाहिए। यह मुद्दा धार्मिक भावनाओं को आहत करेगा और सिद्दरामैया ऐसा कर रहे हैं। भाजपा नेता ने कहा कि इस धार्मिक मुद्दे का राजनीतिकरण कर सिद्दरामैया समुदाय को विभाजित करके लिंगायत वोट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री लिंगायत वोट पाने के लिए जाति का कार्ड खेल रहे हैं क्योंकि वर्ष १९९० के बाद से कांग्रेस पार्टी कभी भी इस समुदाय का समर्थन हासिल करने में सक्षम नहीं रही है। यह पहली बार नहीं है जब सिद्दरामैया ने लिंगायत समुदाय को खुश करने का प्रयास किया है। इस साल के शुरु में उन्होंने एक आदेश जारी किया था जिसमें राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में बसवण्णा की तस्वीर को अनिवार्य कर दिया गया था।

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