खुफिया जानकारी के बाद श्रीलंका धमाका मामले में एनआईए ने केरल से दबोचे दो संदिग्ध

खुफिया जानकारी के बाद श्रीलंका धमाका मामले में एनआईए ने केरल से दबोचे दो संदिग्ध

श्रीलंका में इस चर्च में हुआ था धमाका

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। ईस्टर के दिन बम धमाकों से दहले श्रीलंका में सुरक्षा एजेंसियां गुनहगारों तक पहुंचने के लिए ताबड़तोड़ छापे मार रही हैं। पड़ोसी देश में हुई इस घटना के बाद भारतीय एजेंसियां भी सतर्कता बरत रही हैं। इस बीच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने केरल से दो युवकों को हिरासत में लिया है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों युवक कासरगोड जिले से पकड़े गए हैं। ईस्टर धमाकों के बाद शक की सुई श्रीलंका के नागरिकों से लेकर विदेशों में पनप रहे कट्टरपंथी संगठनों की ओर घूमती जा रही है। कासरगोड इलाका पहले उस वक्त चर्चा में आया था जब यहां से कुछ युवा आतंकी संगठन आईएसआईएस में भर्ती होने के लिए चले गए थे।

अब ईस्टर धमाका मामले में पकड़े गए युवाओं से एनआईए के अधिकारी पूछताछ कर उनकी भूमिका मालूम करने में जुटे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पकड़े गए युवाओं का संबंध श्रीलंका धमाके के मास्टरमाइंड जहरान हाशिम से था। दोनों युवकों के बारे में सूचना मिली थी कि ये हाशिम से संपर्क में थे। इसके बाद विद्यानगर स्थित दोनों युवकों के घरों पर छापेमारी की गई। एनआईए अधिकारियों ने मोबाइल फोन, सिम कार्ड और कई उपकरण बरामद किए हैं।

ईस्टर के रोज जब कोलंबो में ईसाई समुदाय के लोग प्रार्थना कर रहे थे, तभी चर्च और होटलों में सिलसिलेवार धमाके हुए। इनमें अब तक 253 लोग जान गंवा चुके हैं। इसे श्रीलंका के इतिहास में सबसे बड़ा आतंकी हमला माना गया है। आईएसआईएस इसकी जिम्मेदारी ले चुका है, जिसके बाद श्रीलंका में इस बात को लेकर बहस छिड़ी है कि आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए गए लोगों को दंड देने के लिए सख्त कानून बनाया जाए।

भारत के लिए चुनौती क्यों?
भारत के लिए भी ये धमाके गंभीर चिंता का विषय हैं क्योंकि श्रीलंका हमारा पड़ोसी देश है। आईएस मॉड्यूल से जुड़े आतंकी इस ओर भी रुख कर सकते हैं। चूंकि केरल में पहले भी आईएस मॉड्यूल से सहानुभूति के मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा एक रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि ईस्टर धमाकों का मुख्य साजिशकर्ता जहरान हाशिम केरल और तमिलनाडु से आईएस काडर के संपर्क में था। ऐसे में भारतीय एजेंसियों को विशेष सतर्कता बरत कर इन तत्वों को विफल करना होगा। एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है कि इराक और सीरिया में परास्त होने के बाद आईएस के आतंकी अपने देशों का रुख कर रहे हैं जहां वे सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं।

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