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कर्नाटक उच्च न्यायालय की चेतावनी- अतिक्रमण हटाने के काम में प्रगति नहीं हुई तो रोकेंगे बीबीएमपी अभियंताओं का वेतन

कर्नाटक उच्च न्यायालय की चेतावनी- अतिक्रमण हटाने के काम में प्रगति नहीं हुई तो रोकेंगे बीबीएमपी अभियंताओं का वेतन
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक अराधे की अध्यक्षता वाली पीठ ने चार लोगों द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान यह चेतावनी दी


बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बृहत बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) को चेतावनी दी है कि यदि इसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले नाले अतिक्रमण मुक्त नहीं कराए गए तो मुख्य आयुक्त के खिलाफ उचित आदेश जारी किया जाएगा। अदालत ने कहा कि इस मामले में प्रगति नहीं होने पर नगर निकाय को अभियंताओं का वेतन रोकने का आदेश दिया जाएगा।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक अराधे की अध्यक्षता वाली पीठ ने चार लोगों द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान यह चेतावनी दी। यह याचिका बीबीएमपी के अधिकारक्षेत्र में आने वाली सड़कों पर हुए गड्ढों के संबंध में दायर की गई है।

सुनवाई के दौरान बीबीएमपी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें दावा किया गया कि 19 सितंबर, 2022 से 10 स्थल अतिक्रमण से मुक्त कराए गए हैं।

अदालत को बताया गया कि नालों पर किए गए अन्य 592 अतिक्रमण को भी हटाने की जरूरत है। इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि सड़कों पर हुए 221 गड्ढों को भरा गया है।

हालांकि, पीठ ने कहा कि रिपोर्ट संतोषजनक नहीं लगती। अदालत ने चेतावनी दी कि यदि बीबीएमपी इस मामले में कोई प्रगति नहीं दिखाता, तो नगर निकाय को अभियंताओं का वेतन रोकने का आदेश दिया जाएगा।

अदालत ने कहा कि गड्ढे भरने का काम भी पर्याप्त नहीं है जिससे वाहन चालकों को परेशानी होती है। मामले में अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को होगी।

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