जनप्रतिनिधियों की सोच सिर्फ चुनाव को ध्यान में रखते हुए सीमित नहीं होनी चाहिएः मोदी

'आजादी के अमृत काल में अगले 25 वर्ष के लिए भारत के शहरी विकास का एक रोड मैप बनाने में इस सम्मेलन की बड़ी भूमिका है'


नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात की राजधानी गांधीनगर में दो दिवसीय ‘नेशनल मेयर्स कॉन्फ्रेंस’ का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महापौर सम्मेलन में आप सभी का स्वागत और अभिनंदन है। आजादी के अमृत काल में अगले 25 वर्ष के लिए भारत के शहरी विकास का एक रोड मैप बनाने में इस सम्मेलन की बड़ी भूमिका है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सामान्य नागरिक का संबंध अगर सरकार नाम की किसी व्यवस्था से आता है तो पंचायत से आता है, नगर पंचायत से आता है, नगरपालिका से आता है, महानगर पालिका से आता है। इसलिए इस प्रकार के विचार-विमर्श का महत्व बढ़ जाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश के नागरिकों ने बहुत लंबे अरसे से शहरों के विकास को लेकर भाजपा पर विश्वास रखा है। उसे निरंतर बनाए रखना, उसे बढ़ाना हम सभी का दायित्व है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास - यह जो वैचारिक परिपाटी भाजपा ने अपनाई है, यही हमारा मॉडल दूसरों से अलग करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 तक हमारे देश में मेट्रो नेटवर्क 250 किलोमीटर से भी कम था। आज देश में मेट्रो नेटवर्क 775 किलोमीटर से भी ज्यादा हो चुका है।

शहरों में रोजी-रोटी के लिए लोग अस्थायी रूप में आते हैं, उन्हें उचित किराए पर घर मिले, इसके लिए बड़े स्तर पर काम चल रहा है। मेरा आप सभी से आग्रह है कि अपने-अपने शहरों में इस अभियान को गति दें। कार्यों को तेजी से पूरे कराएं और क्वालिटी में कभी कंप्रोमाइज न होने दें।

भाजपा के मेयर के रूप में, शहरों के मुखिया के रूप में, रियल स्टेट सेक्टर को बेहतर और पारदर्शी बनाने का आपका दायित्व ज्यादा है। नियमों का पालन करना, उसे सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों की सोच सिर्फ चुनाव को ध्यान में रखते हुए सीमित नहीं होनी चाहिए। चुनाव केंद्रित सोच से हम शहर का भला नहीं कर सकते हैं। मेरा शहर आर्थिक रूप से समृद्ध हो। मेरा शहर किसी न किसी उत्पाद के लिए जाना जाए। मेरा शहर टूरिज्म के लिए आकर्षण का केंद्र बने। मेरा शहर उसकी पहचान बने। इस सोच के साथ काम करना चाहिए।

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