बेंगलूरुः एएफटीसी का ट्रेनी फंदे पर लटका मिला, 6 अधिकारियों पर हत्या का आरोप

दिल्ली के उत्तम नगर निवासी अंकित कुमार झा का शव फंदे पर लटका पाया गया


बेंगलूरु/दक्षिण भारत। बेंगलूरु के जलहल्ली में एयर फोर्स टेक्निकल कॉलेज (एएफटीसी) का 27 वर्षीय ट्रेनी एक कमरे में रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाया गया है।

जानकारी के अनुसार, दिल्ली के उत्तम नगर निवासी अंकित कुमार झा का शव फंदे पर लटका पाया गया। परिजन ने आरोप लगाया है कि उसकी हत्या की गई है। वहीं, यह बात भी सामने आई है कि अंकित को कॉलेज से डिचार्ज कर दिया गया था।

इस संबंध में गंगम्मागुड़ी पुलिस थाने में अंकित के छोटे भाई अमन की शिकायत के आधार पर एएफटीसी के छह अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

कहा जा रहा है कि अंकित ने सात पन्नों का एक पत्र छोड़ा है, जिसमें जिक्र है कि कॉलेज ने उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की, जिसके बाद वह यह कदम उठा रहा है।

अधिकारियों पर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने अंकित पर दबाव डालकर कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए थे। मामला आत्महत्या का लग रहा है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है। सूचना के बाद पुलिस ने शव को मुर्दाघर में रखवा दिया था।

ये हैं परिजन के आरोप
अमन द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है कि घटना 21 सितंबर को दोपहर 2 से 5 बजे के बीच हुई। उन्होंने आरोपी अधिकारियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग करते हुए यह भी दावा किया है कि इन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है।

इसके अलावा मामले की गंभीरता को देखते हुए पोस्टमार्टम रोकने और उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार सीबीआई जांच की मांग की गई है।

अमन ने कहा कि कोच्चि से बेंगलूरु आने में समय लगने से शिकायत दर्ज कराने में देरी हुई।

नहीं दिया फोन कॉल का जवाब
अंकित की एक रिश्तेदार ने बताया कि उसने (अंकित) बुधवार को माता-पिता, भाई और उनके फोन कॉल का जवाब नहीं दिया। इससे उन्हें चिंता हुई। वे वजह जानने के लिए गईं तो अधिकारियों ने बताया कि अंकित की मौत हो गई है।

उन्होंने आरोप लगाया कि घटना की सूचना मिलते ही अमन कोच्चि से रवाना हो गए, लेकिन एएफटीसी के अधिकारियों ने शव को वहां से पहले ही हटा दिया था।

उन्होंने बताया कि पत्र से पता चलता है कि अंकित को किस तरह परेशान किया जा रहा था और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। वह गंभीर मानसिक तनाव से गुजर रहा था।

सच छिपाने की कोशिश?
रिश्तेदार ने यह आरोप भी लगाया कि कॉलेज के अधिकारियों ने न तो परिवार को कथित पत्र के बारे में सूचित किया और न ही अंकित का मोबाइल फोन वापस किया।

उनके अनुसार, कॉलेज अधिकारी झूठ का सहारा लेते रहे। पुलिस को शिकायज दर्ज कराने संबंधी औपचारिकताओं में देर रात 3 बज गए थे। उसके बाद ही पुलिस को अंकित का कथित पत्र दिया गया। इससे पहले अधिकारी कह रहे थे कि उन्होंने पुलिस को फोन सौंप दिया था। लेकिन जब तक शिकायत दर्ज नहीं कराई, तब तक यह पुलिस के पास नहीं था।

आखिरी बार कब देखा गया अंकित?
पुलिस के अनुसार, घटना शाम करीब 5 बजे सामने आई, जब एएफटीसी के अधिकारियों ने अंकित को होस्टल के एक खाली कमरे में फंदे पर लटका पाया। उसे आखिरी बार दोपहर करीब दो बजे देखा गया था।

उसके अनुसार, अंकित को कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के बाद कॉलेज से हटा दिया और कैंपस छोड़ने के लिए कहा गया था। उसका टिकट भी बुक हो गया था। लेकिन उसके बाद वह फंदे पर लटका मिला। अंकित के माता-पिता गुरुवार शाम बेंगलूरु पहुंच गए। पोस्टमार्टम शुक्रवार को होना है। मामले की हर कोण से जांच की जाएगी।

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