भारत के 15वें राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए मतदान आरंभ

मतदान की प्रक्रिया पांच बजे समाप्त होगी


नई दिल्ली/भाषा। भारत के 15वें राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए सोमवार को मतदान आरंभ हो गया। इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का मुकाबला विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से है।

मतदान 10 बजे आरंभ हुआ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले मतदान किया। मतदान की प्रक्रिया पांच बजे समाप्त होगी।

राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और दिल्ली तथा केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी सहित सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य होते हैं। कुल मिलाकर 4,800 निर्वाचित सांसद और विधायक मतदान करने के पात्र हैं।

राज्यसभा और लोकसभा या राज्यों की विधानसभाओं के मनोनीत सदस्य निर्वाचक मंडल में शामिल होने के पात्र नहीं हैं, इसलिए, वे चुनाव में भाग लेने के हकदार नहीं होते। इसी तरह, विधान परिषदों के सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदाता नहीं होते हैं।

संसद भवन परिसर के पहले तल पर स्थित कक्ष संख्या 63 को मतदान केंद्र के रूप में परिवर्तित किया गया है। राज्यों की विधानसभाओं में भी साथ ही साथ मतदान हो रहा है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की विधानसभा में भी मतदान की प्रक्रिया जारी है। राष्ट्रपति चुनाव में गुप्त तरीके से मतदान होता है और राजनीतिक दल मतदान के संदर्भ में व्हिप नहीं जारी कर सकते।

मतों की गिनती संसद भवन में होती है। मतगणना 21 जुलाई को होगी। जम्मू कश्मीर में विधानसभा नहीं होने की वजह से इस बार सांसदों के मतों का मूल्य 708 से घटकर 700 हो गया है।

राज्यों में विधायकों के मतों के मूल्य अलग-अलग हैं। उत्तर प्रदेश के प्रत्येक विधायक का राष्ट्रपति चुनाव में मत मूल्य अन्य किसी राज्य के विधायक से अधिक है। उत्तर प्रदेश के विधायकों के मत का मूल्य 208 है, जबकि झारखंड और तमिलनाडु के विधायकों का मूल्य 176 है। महाराष्ट्र में यह 175, सिक्किम में सात, नगालैंड में नौ और मिजोरम में आठ है।

मुर्मू अगर यह चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बन जाती हैं, तो स्वतंत्रता के बाद जन्मी इस शीर्ष पद पर पहुंचने वाली पहली नेता होंगी। वह देश की पहली आदिवासी और सबसे युवा राष्ट्रपति भी होंगी।

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