कर्नाटक: पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती अनियमितता मामले में प्रियांक खरगे तलब

ज्ञानेंद्र ने चेतावनी देते हुए कहा, चूंकि निष्पक्ष जांच जारी है, किसी को भी बख्शने का सवाल ही नहीं है


बेंगलूरु/भाषा। कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने सोमवार को कहा कि पुलिस उपनिरीक्षकों की भर्ती में अनियमितताओं की जांच कर रहे आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने कांग्रेस विधायक प्रियांक खरगे को तलब किया है।

ज्ञानेंद्र ने एक बयान में कहा कि खरगे ने हाल ही में (पीएसआई भर्ती में) अनियमितताओं के संबंध में बातचीत की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग जारी की थी और खरगे ने उन्हें यह रिकॉर्डिंग भेजी है।

मंत्री ने कहा, पीएसआई भर्ती में अनियमितताओं की जांच कर रही सीआईडी ने प्रियांक खरगे को पूछताछ के लिये नोटिस भेजा है। मैं विधायक से अपनी जिम्मेदारी प्रदर्शित करने और सीआईडी के साथ सबूत साझा कर उसकी मदद करने की अपील करता हूं, जो मामले की सही दिशा में जांच कर रही है।

उन्होंने कहा कि खरगे को दस्तावेजों और अन्य सूचनाओं को सीआईडी अधिकारियों के साथ साझा करके जांच में सहयोग करना चाहिए।

ज्ञानेंद्र ने चेतावनी देते हुए कहा, चूंकि निष्पक्ष जांच जारी है, किसी को भी बख्शने का सवाल ही नहीं है, चाहे वह व्यक्ति कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो।

गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के साथ विचार-विमर्श करने के बाद ही मामले की जांच के आदेश दिए हैं ताकि उन उम्मीदवारों के साथ न्याय किया जा सके जिन्होंने ईमानदारी से पीएसआई परीक्षा दी, लेकिन उनका चयन नहीं हो सका।

उन्होंने कहा कि इस तरह की अनियमितताएं समाज को बहुत नुकसान पहुंचाती हैं जब गरीब परिवारों से आने वाले प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को इस तरह की परेशानियां उठानी पड़ती हैं।

कलबुर्गी जिले में यह मामला सामने आया है और खरगे उसी जिले के चित्तपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उनके पिता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खरगे भी गुलबर्ग (कलबुर्गी) लोकसभा क्षेत्र से सांसद थे।

इस मामले में अफजलपुर के विधायक के सुरक्षाकर्मी समेत 10 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि कर्नाटक में कई बड़े नेताओं की करीबी भाजपा नेता फरार है। हालांकि उनेके पति को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामला तब सामने आया जब एक अभ्यर्थी को दूसरे पेपर में 21 प्रश्नों के जवाब देने पर ही 100 प्रतिशत अंक दे दिये गए थे।

545 पदों के लिए 54,000 से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। पुलिस सूत्रों ने कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि अभ्यर्थियों से 75 लाख से 80 लाख रुपए तक रिश्वत के तौर पर लिए गए थे।

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