भारतीय मूल के शख्स को सिंगापुर में दी गई फांसी, यह था अपराध

ऐसा कहा जाता है कि धर्मलिंगम मानसिक रूप से अस्वस्थ था


सिंगापुर/भाषा। मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में दोषी ठहराए गए भारतीय मूल के मलेशियाई व्यक्ति नागेंद्रन धर्मलिंगम को बुधवार को सिंगापुर में फांसी दे दी गई। उनके परिवार ने मीडिया को यह जानकारी दी।

ऐसा कहा जाता है कि धर्मलिंगम मानसिक रूप से अस्वस्थ था। सजा के संबंध में धर्मलिंगम की मां की एक अपील मंगलवार को ‘कोर्ट ऑफ अपील’ ने खारिज कर दी थी।

धर्मलिंगम (34) को 2009 में 42.72 ग्राम हेरोइन आयात करने के मामले में 2010 में दोषी ठहराया गया था और मौत की सजा सुनाई गई थी। वह सिंगापुर में प्रवेश करते समय ‘वुडलैंड्स चेकपॉइंट’ (प्रायद्वीपीय मलेशिया के साथ एक कॉजवे लिंक) पर पकड़ा गया था, उसकी जांघ पर नशीले पदार्थों के बंडल बंधे थे। सिंगापुर का मादक पदार्थ से जुड़ा कानून दुनिया का सबसे सख्त कानून है।

धर्मलिंगम के भाई नवीन कुमार ने ‘बरनामा न्यूज एजेंसी’ को बताया कि धर्मलिंगम को बुधवार सुबह फांसी दे दी गई और उनका अंतिम संस्कार मलेशिया के इपोह में किया जाएगा।

धर्मलिंगम ने 2010 में मादक पदार्थों की तस्करी के जुर्म में दोषी ठहराए जाने के बाद से सजा से बचने के सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर लिया था। उसे पिछले साल 10 नवंबर को फांसी दी जानी थी, लेकिन उसने इसके खिलाफ याचिका दायर कर दी थी।

धर्मलिंगम का मामला अत्यधिक विवादास्पद था, चिकित्सकों ने उसकी जांच की थी और उसका आईक्यू स्तर 69 पाया गया था, जो दिखाता है कि व्यक्ति बौद्धिक रूप से कमजोर है।

सिंगापुर के गृह मंत्रालय ने पहले के एक बयान में कहा था, ‘कोर्ट ऑफ अपील’ ने पाया कि यह कृत्य एक आपराधिक दिमाग का काम था ...।'

उत्तरी मलेशिया से सिंगापुर आई धर्मलिंगम की मां ने अपने बेटे को बचाने की आखिरी कोशिश करते हुए अदालत का रुख किया था, लेकिन मंगलवार को ‘कोर्ट ऑफ अपील’ ने उनका आवेदन खारिज कर दिया।

अदालत ने अपील खारिज करते हुए कहा था कि धर्मलिंगम के खिलाफ कानून के तहत उचित प्रक्रिया का पालन किया गया। इस फैसले के बाद अदालत में मौजूद धर्मलिंगम के रिश्तेदारों की आंखों में आंसू आ गए थे।

सिंगापुर के अटॉर्नी जनरल के चैंबर्स ने बुधवार को कहा, ‘फांसी की सजा पर तामील करने से दो दिन पहले यह आवेदन किया गया। दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी अपील को 2011 में ‘कोर्ट ऑफ अपील’ ने खारिज कर दिया था। इसके बाद से नागेंद्रन ने इस संबंध में सात बार आवेदन किया, (जिनमें अपील शामिल नहीं है)।’

उसने कहा, ‘यह अदालत की प्रक्रियाओं का दुरुपयोग करने का नवीनतम प्रयास है और इससे नागेंद्रन को कानून के तहत दी गई सजा पर तामील करने में अनुचित रूप से देरी हो रही है।’

संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन सहित कई ने धर्मलिंगम के बौद्धिक रूप से अक्षम होने को लेकर चिंता जाहिर की थी और उसे फांसी की सजा दिए जाने की निंदा की थी।

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