बनासकांठा: प्रधानमंत्री ने दियोदर में नए डेयरी परिसर और आलू प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन किया

'बनास डेयरी ने ये भी सिद्ध किया है कि स्थानीय किसानों की आय बढ़ाने के लिए दूसरे संसाधनों का भी उपयोग किया जा सकता है'


दियोदर/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बनासकांठा जिले के दियोदर में बनास डेयरी के नए डेयरी परिसर और आलू प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शायद जीवन में पहली बार अवसर आया होगा कि एक साथ डेढ़-दो लाख माताएं-बहनें आज मुझे यहां आशीर्वाद दे रही हैं। हम सबको आशीर्वाद दे रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में गांव की अर्थव्यवस्थाओं को, माताओं-बहनों के सशक्तीकरण को कैसे बल दिया जा सकता है, सहकार कैसे आत्मनिर्भर भारत के अभियान को ताकत दे सकता है, ये सब कुछ यहां अनुभव किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बनास डेयरी संकुल, चीज़ और ह्वे प्लांट, ये सभी तो डेयरी सेक्टर के विस्तार में अहम हैं ही, बनास डेयरी ने ये भी सिद्ध किया है कि स्थानीय किसानों की आय बढ़ाने के लिए दूसरे संसाधनों का भी उपयोग किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आलू और दूध का आपस में कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन बनास डेयरी ने ये रिश्ता भी जोड़ दिया। दूध, दही, छाछ, पनीर, फ्रेंच फ्राइज, बर्गर, पेटीज जैसे उत्पादों को भी बनास डेयरी ने किसानों का सामर्थ्य बना दिया है।

गोबरधन के माध्यम से एक साथ कई लक्ष्य हासिल हो रहे हैं। एक तो इससे गांवों में स्वच्छता को बल मिल रहा है, दूसरा, इससे पशुपालकों को गोबर का भी पैसा मिल रहा है। यह भारत के लोकल को ग्लोबल बनाने की दिशा में भी एक अच्छा कदम है। तीसरा, गोबर से बायो-सीएनजी और बिजली जैसे उत्पाद तैयार हो रहे हैं। चौथा, इस पूरी प्रक्रिया में जो जैविक खाद मिलती है, उससे किसानों को बहुत मदद मिल रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यहां एक बायो-सीएनजी प्लांट का लोकार्पण किया गया है और चार गोबर गैस प्लांट्स का शिलान्यास हुआ है। ऐसे अनेक प्लांट्स बनास डेयरी देशभर में लगाने जा रही है। ये कचरे से कंचन के सरकार के अभियान को मदद करने वाला है।

हमारी सरकारी प्राथमिक शाला के लिए इतनी बड़ी टेक्नोलॉजी का उपयोग दुनिया के लिए एक अजूबा है। मैं इस सेक्टर से पहले से जुड़ा रहा हूं, लेकिन कल मैं विशेष तौर पर गांधीनगर में इसे देखने गया था। गुजरात आज सफलता और विकास की जिस ऊंचाई पर है, वो हर गुजराती को गर्व से भर देता है।

इसका अनुभव मैंने कल गांधीनगर के विद्या समीक्षा केंद्र में भी किया। गुजरात के बच्चों के भविष्य को, हमारी आने वाली पीढ़ियों को संवारने के लिए विद्या समीक्षा केंद्र एक बहुत ताकत बन रहा है। विद्या समीक्षा केंद्र जैसा आधुनिक व्यवस्था का लाभ देश के जितने ज्यादा बच्चों को मिलेगा, उतना ही भारत का भविष्य उज्ज्वल बनेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में पूरे देश में विद्या समीक्षा केंद्र बड़े परिवर्तन ला सकता है। मैं भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों और अधिकारियों से भी कहूंगा कि विद्या समीक्षा केंद्र अवश्य अध्ययन करें। विभिन्न राज्यों के सम्बंधित मंत्रालय भी गांधी नगर आएं, इसकी व्यवस्था का अध्ययन करें।

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