आयकर दरों में बदलाव नहीं, मध्यम वर्ग की ‘मानक कटौती’ में वृद्धि की उम्मीद भी नहीं हुई पूरी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए व्यक्तिगत आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया है


नई दिल्ली/भाषा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए व्यक्तिगत आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इसके अलावा कोविड महामारी के बीच मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) की सीमा में बढ़ोतरी की मध्यम वर्ग की उम्मीदें भी बजट में पूरी नहीं हुई हैं।

सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में आम बजट पेश करते हुए आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया और मानक कटौती को भी यथावत रखा।

हालांकि, कहा जा रहा था कि मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर तथा मध्यम वर्ग को महामारी के प्रभाव से कुछ राहत के लिए मानक कटौती की सीमा बढ़ाई जा सकती है। फिलहाल मानक कटौती की सीमा 50,000 रुपए है।

आयकर विशेषज्ञ सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘महामारी के बीच आम आदमी उम्मीद कर रहा था कि वित्त मंत्री मानक कटौती की सीमा एक लाख रुपए तक करेंगी, जिससे महामारी के बीच उनके हाथ में नकदी बढ़ेगी।’

उन्होंने कहा कि अभी इस तरह का कोई कदम मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत प्रदान करने वाला रहता।

जैन ने कहा कि इसके अलावा गृह संपत्ति से ब्याज की कटौती दो लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किए जाने की उम्मीद भी थी। लेकिन इस मोर्चे पर भी कोई राहत नहीं दी गई है।

नया घर खरीदने पर आवास ऋण के दो लाख रुपए तक के ब्याज को करदाता की अन्य आय से घटाया जाता है, जिससे उसका कर दायित्व कम होता है। इसे गृह संपत्ति पर ब्याज कटौती कहा जाता है।

बजट में व्यक्तिगत आयकर श्रेणी में स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है। साथ ही कॉरपोरेट कर की दरों को भी यथावत रखा गया है। हालांकि, नवगठित विनिर्माण इकाइयों के लिए 15 प्रतिशत की रियायती कर दर को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है।

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