सऊदी अरब में जिंक खनन परियोजनाओं में निवेश के अवसर तलाश रहा वेदांता

वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन, अनिल अग्रवाल ने कहा कि 'भारत और सऊदी अरब के बीच मजबूत सहयोग बड़े अवसरों को सामने ला रहा है


नई दिल्ली/मुंबई/दक्षिण भारत। प्राकृतिक संसाधन कंपनी वेदांता सऊदी अरब में खनिज क्षेत्र में निवेश करने की योजना बना रही है। कंपनी सऊदी अरब में निवेश के अवसरों की पहचान कर अवसर तलाश रही है, जिसके बाद उसकी पहचान मध्य पूर्व में एक खनिज की मुख्य कंपनी के रूप में होगी।

सऊदी अरब के रियाद में आयोजित फ्यूचर मिनरल्स फोरम 2022 में अतिथि वक्ता के रूप में आमंत्रित वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने देश में जस्ता, सोना और चांदी सहित खनिजों की विशाल क्षमता के बारे में अवगत कराया। जस्ते की मजबूत मांग और विश्व स्तर पर इसकी अपेक्षित कमी को देखते हुए, सऊदी अरब धातु का एक प्रमुख उत्पादक बनने के लिए वैश्विक कंपनियों के साथ मिलकर कार्य करने हेतु मंशा व्यक्त की। वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक दुनिया के सबसे बड़े जिंक उत्पादकों में से एक है।

मजबूत सहयोग, बड़े अवसर
फ्यूचर मिनरल्स फोरम को संबोधित करते हुए, वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन, अनिल अग्रवाल ने कहा कि 'भारत और सऊदी अरब के बीच मजबूत सहयोग बड़े अवसरों को सामने ला रहा है। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि देश में प्रचुर मात्रा में खनिज है एवं हम इस क्षेत्र में निवेश विकल्पों के अवसर को तलाश रहे है। खनन और खनिज विश्व को एक स्वच्छ और अधिक सस्टेनेबल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे जिसके लिये वेदांता प्रतिबद्ध है।

सऊदी अरब में ऑयल के अलावा, खनिज संसाधनों में भी अत्यधिक संभावनाएं हैं और सरकार देश को खनिजों के लिए भविष्य का केंद्र बनाना चाहती है। इसने 2030 तक अक्षय स्रोतों से अपनी आधी ऊर्जा पैदा करने का लक्ष्य रखा है। वेदांता हरित धातुओं के अपने पोर्टफोलियो, मजबूत ईएसजी फोकस और प्रौद्योगिकी पर बल देने के साथ परिवर्तन के लिए आदर्श भागीदार बनना चाहेगी।

अरबों डॉलर के निवेश की योजना
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि सऊदी अरब के साथ मजबूत संबंध बनाने की है, एक ऐसा देश जिसके साथ भारत बहुत कुछ साझा करता है। सऊदी अरब ऊर्जा, रिफाइनिंग, पेट्रोकेमिकल्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि, खनिज और खनन के क्षेत्रों में देश में 100 अरब डॉलर का निवेश की योजना बना रहा है। सऊदी अरब भारत की ऊर्जा सुरक्षा का एक प्रमुख स्तंभ भी है, जो कच्चे तेल का 17 प्रतिशत और भारत की 32 प्रतिशत एलपीजी आवश्यकताओं का स्रोत है।

वेदांता प्राकृतिक संसाधन क्षेत्र में ईएसजी में अग्रणी बनने की योजना बना रहा है और 2050 तक या उससे पूर्व कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी ने अगले 10 वर्षों में शुद्ध शून्य संचालन में वृद्धि के लिए 5 बिलियन डॉलर निवेश की योजना बनाई है।

जीरो हार्म, जीरो वेस्ट, जीरो डिस्चार्ज
वेदांता सस्टेनेबल संचालन में अग्रणी है एवं पर्यावरण और समुदायों की सुरक्षा के लिए नई तकनीकों का लाभ उठा रहा है। जीरो हार्म, जीरो वेस्ट, जीरो डिस्चार्ज के सिद्धांत पर निर्देशित, पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) कार्यप्रणाली वेदांता के संचालन के मूल में हैं जो सस्टेनेबल और जिम्मेदार विकास प्रदान करने पर केंद्रित हैं जिससे सभी हितधारकों के लिए मूल्य सृजित होता है।

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