पहले ‘सीएजी बनाम सरकार’ की सोच थी, आज इस मानसिकता को बदला गया: मोदी

'आज भारत पूरी दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है'


नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कैग के पहले ऑडिट दिवस समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश में एक समय था जब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को आशंका तथा भय के साथ देखा जाता था और ‘सीएजी बनाम सरकार’ व्यवस्था की सामान्य सोच बन गई थी लेकिन आज इस मानसिकता को बदला गया है।

प्रधानमंत्री ने ऑडिट दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि एक संस्था के रूप में सीएजी न केवल देश के खातों के हिसाब-किताब की जांच करता है, बल्कि उत्पादकता व दक्षता का मूल्यवर्धन भी करता है, इसलिए ऑडिट दिवस और इससे जुड़े कार्यक्रम देश के चिंतन-मंथन, बेहतरी और सुधार का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत कम संस्थाएं ऐसी होती हैं, जो समय बीतते-बीतते अधिक मजबूत और परिपक्व होती हैं। ज्यादातर संस्थाएं जन्म लेती हैं और तीन से पांच दशक आते-आते स्थितियां इतनी बदल जाती हैं कि वह संस्थाएं अपनी प्रासंगिकता खो देती हैं। लेकिन सीएजी के संबंध में हम कह सकते हैं कि इतने सालों बाद भी यह संस्थान अपने आप में बहुत बड़ी विरासत है, बहुत बड़ी अमानत है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने पूरी ईमानदारी के साथ पिछली सरकारों का सच, वो चाहे जो भी स्थिति थी, उसे देश के सामने रखा है। हम समस्याओं को पहचानेंगे, तभी तो समाधान तलाश पाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत पूरी दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है। आज 50 से ज्यादा हमारे भारतीय यूनिकॉर्न खड़े हो चुके हैं। भारतीय आईआईटी आज चौथे सबसे बड़े यूनिकॉर्न प्रोड्यूसर बन कर उभरे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सदी की सबसे बड़ी महामारी जितनी चुनौतीपूर्ण थी, उतनी ही इसके खिलाफ देश की लड़ाई भी असाधारण रही है। आज हम दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहे हैं। कुछ सप्ताह पहले देश ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज का पड़ाव पार किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में, डेटा इतिहास तय करेगा। आंकड़ों के आकलन को देखें तो इससे बेहतर कोई संस्थान नहीं है। इस प्रकार, आपके दस्तावेज़ और विश्लेषण भारत द्वारा उठाए जा रहे कदमों और आगे बढ़ने के लिए केस स्टडी होंगे।

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