मजबूत बैंकिंग प्रणाली देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण: मोदी

सिर्फ सात सालों में भारत ने डिजिटल ट्रांजेक्शंस के मामले में 19 गुणा की छलांग लगाई है


नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत बैंकिंग प्रणाली अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से रिजर्व बैंक की दो अभिनव उपभोक्ता केंद्रित पहल खुदरा प्रत्यक्ष योजना और केंद्रीय एकीकृत लोकपाल योजना के शुभारंभ के अवसर पर यह बात कही।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना के इस चुनौतीपूर्ण कालखंड में वित्त मंत्रालय, आरबीआई और अन्य वित्तीय संस्थाओं ने बहुत प्रशंसनीय कार्य किया है। आज जिन दो योजनाओं को लॉन्च किया गया है, उनसे देश में निवेश के दायरे का विस्तार होगा और कैपिटल मर्केट्स को एक्सेस करना निवेशकों के लिए अधिक आसान, अधिक सुविधाजनक बनेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी तक गवर्नमेंट सिक्यूरिटी मार्केट में हमारे मध्यम वर्ग, कर्मचारी, छोटे व्यापारी, वरिष्ठ नागरिकों को सिक्योरिटीज में निवेश के लिए बैंक इंश्योरेंश या म्यूचल फंड जैसे रास्ते अपनाने पड़ते थे। अब उन्हें सुरक्षित निवेश का एक और बेहतर विकल्प मिल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते सात सालों में, एनपीए को पारदर्शिता के साथ पहचाना गया, रिजॉल्यूशन और रिकवरी पर ध्यान दिया गया, पब्लिक सेक्टर बैंकों को रीकैपिटलाइज किया गया, फाइनेंशियल सिस्टम और पब्लिक सेक्टर बैंकों में एक के बाद एक रिफॉर्म्स किए गए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर को और मज़बूत करने के लिए सहकारी बैंकों को भी आरबीआई के दायरे में लाया गया। इससे इन बैंकों की गवर्नेंस में भी सुधार आ रहा है और जो लाखों जमाकर्ता हैं, उनके भीतर भी इस सिस्टम के प्रति विश्वास मजबूत हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड में ही सरकार द्वारा छोटे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड देने के लिए विशेष मुहिम चलाई, जिससे 2.5 करोड़ से अधिक किसानों को केसीसी कार्ड भी मिले और लगभग 2.75 लाख करोड़ का कृषि ऋण भी मिला। पीएम स्वनिधि योजना से करीब 26 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण मिल चुका है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सिर्फ सात सालों में भारत ने डिजिटल ट्रांजेक्शंस के मामले में 19 गुणा की छलांग लगाई है। आज 24 घंटे, सातों दिन और 12 महीने देश में कभी भी, कहीं भी हमारा बैंकिंग सिस्टम चालू रहता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें देश की, देश के नागरिकों की आवश्यकताओं को केंद्र में रखना ही होगा, निवेशकों के भरोसे को निरंतर मजबूत करते रहना होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि एक संवेदनशील और इन्वेस्टर फ्रेंडली डेस्टीनेशन के रूप में भारत की नई पहचान को आरबीआई निरंतर सशक्त करता रहेगा।

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