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लॉकडाउन में लोगों को खूब पसंद आ रहे पौराणिक कार्यक्रम, दूरदर्शन का बढ़ा दबदबा

लॉकडाउन में लोगों को खूब पसंद आ रहे पौराणिक कार्यक्रम, दूरदर्शन का बढ़ा दबदबा

मुंबई/भाषा। प्रसारण दर्शक अनुसंधान परिषद (बार्क) ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान रामायण और महाभारत जैसे पौराणिक कार्यक्रमों के प्रसारण से एक और सप्ताह के दौरान टेलीविजन दर्शकों की संख्या और विज्ञापन राजस्व में बढ़ोतरी हुई है।

बार्क ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के पहले से तुलना करें तो कुल मिलाकर टीवी देखने में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 11-17 अप्रैल के दौरान 1,240 अरब मिनट की टीवी सामग्री का उपयोग किया गया। परिषद ने कहा कि भारत के लगभग आधे लोग रोजाना टीवी देख रहे हैं, जबकि पहले ये आंकड़ा 32 प्रतिशत था।

देश में टीवी दर्शकों की संख्या लगातार बढ़ रही है और इस दौरान लोग समाचार और फिल्में भी खूब देख रहे हैं। दूरदर्शन ने पौराणिक धारावाहिकों को फिर से दिखाना शुरू किया, जिससे पिछले तीन सप्ताह से उसके दर्शकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

बार्क ने कहा, ‘हिंदी सामान्य मनोरंजन चैनलों (जीईसी) में पौराणिक कार्यक्रम मनोरंजन का मुख्य जरिया बन गए हैं और इस तरह के कार्यक्रम कुल हिंदी जीईसी में 43 प्रतिशत का योगदान कर रहे हैं।’

परिषद द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक पौराणिक कार्यक्रम (कई बार दिन में दो बार प्रसारित होते हैं) को एक सप्ताह के दौरान 35.3 करोड़ दर्शकों ने कुल 109 अरब मिनट तक देखा। बार्क ने कहा कि ऐसे समय में जब विज्ञापनों में कमी आ रही है, रामायण और महाभारत के दौरान विज्ञापन प्रतिदिन 2,000 सेकेंड तक बढ़े हैं।

आंकड़ों के मुताबिक मार्च के अंत में रामायण की शुरुआत तीन विज्ञापनदाताओं के साथ हुई थी और इस समय उसके पास प्रतिदिन करीब 42 विज्ञापनदाता हैं। इसी तरह महाभारत के लिए करीब 25 विज्ञापनदाता हैं।

इसमें कहा गया है कि ‘भक्ति’ के तहत आने वाले चैनलों के दर्शकों की संख्या पांच प्रतिशत बढ़ी है। बार्क के मुताबिक समाचार चैनलों में 195 प्रतिशत, कारोबारी न्यूज चैनलों में 82 प्रतिशत और फिल्मी चैनलों में 67 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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