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किराडू मंदिर में दर्शन से डरते हैं लोग

किराडू मंदिर में दर्शन से डरते हैं लोग

जस्थान अपने पर्यटक स्थलों के लिए जाना जाता है। किलों से लेकर मंदिरों तक, इस प्रदेश में ऐसे कई आकर्षण है जिनके लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। लेकिन यहां कुछ स्थान ऐसे हैं जहां सालों से लोग दिखाई नहीं दिए। भानग़ढ किले के बारे में तो आपने बहुत सुना होगा लेकिन एक ऐसा मंदिर भी है जो शापित होने के कारण सालों से वीरान प़डा है। इस मंदिर में सूरज ढलते ही कोई दिखाई नहीं देता और इसका कारण बहुत ब़डा है। बा़डमेर जिले का किराडू मंदिर पूरे भारत में अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है। इसकी शिल्प कला ऐसी है कि इसका दूसरा नाम ही ’’राजस्थान का खजुराहो’’ प़ड गया। खजुराहो मंदिर से तुलना ने इस मंदिर की खूबसूरती में चार चांद लगा दिए लेकिन फिर भी इसे उतनी प्रसिद्धी नहीं मिली। ये मंदिर पिछले ९०० सालों से वीरान प़डा है।इस मंदिर में दिन में तो कुछ लोग दिख भी जाते हैं, लेकिन शाम ढलते ही यहां सन्नाटा छा जाता है। कहते हैं जो भी व्यक्ति यहां रात में ठहरता है वो पत्थर का बन जाता है। ये मान्यता यहां सालों से चली आ रही है और यही कारण है कि कोई भी यहां रात को रुकने की हिम्मत नहीं करता।फ्य्थ्रु ·र्ष्ठैं य्य्झ् फ्ष्ठ प्रय्य्यझ्त्र ब्स् द्भष्ठ द्बैं्यख्रद्यमंदिर की इस हालत के पीछे एक साधू का श्राप बताया जाता है जो सदियों पहले यहां पधारे थे। उनके साथ उनके कुछ शिष्य भी आए थे। कुछ दिन किराडू में रुकने के बाद साधू देश भ्रमण के लिए चले गए और अपने शिष्यों को वहीं छो़ड दिया। कुछ दिन बाद शिष्यों की हालत बिग़डने लगी। एक कुम्हारिन के अलावा गांव से किसी ने भी उनकी मदद नहीं की।जब साधू देशाटन वापस लौटे तो उन्होंने देखा कि शिष्यों की खराब हालत के बावजूद किसी ने उनकी मदद नहीं की। साधू ने पूरे गांव को ये कहते हुए श्राप दे दिया कि जिनके दिल पत्थर के हैं उनहें इंसान बने रहने का कोई हक नहीं है। जिस कुम्हारिन ने शिष्यों की मदद की थी, साधू ने उसे गांव छो़डने के लिए कहा नहीं तो वो भी पत्थर की बन जाएगी। साधू ने कहा कि गांव छो़डते वक्त वो भूलकर भी पीछे मु़डकर न देखे।गांव छो़डते वक्त उस कुम्हारिन के मन में साधु के श्राप को लेकर सवाल पैदा हुए और उसने पीछे मु़डकर देख लिया। पीछे देखते ही वो महिला भी पत्थर की मूरत में तब्दील हो गई। उस कुम्हारिन की मूर्ति आज भी मंदिर से कुछ दूरी पर रखी हुई है। यही कारण है कि कोई इस मंदिर में रात को रुकने की हिम्मत नहीं करता।

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