‘राजनीति के पलटूराम’ नीतीश पर भरोसा कर मूर्खता की : लालू

‘राजनीति के पलटूराम’ नीतीश पर भरोसा कर मूर्खता की : लालू

पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ’’राजनीति का पलटूराम’’ बताया और कहा कि उनपर भरोसा कर उन्होंने मूर्खता की थी। यादव ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नीतीश कुमार राजनीति में कभी भी भरोसे के लायक नहीं रहें हैं। वह राजनीति के पलटूराम हैं और उनका कोई राजनीतिक चरित्र नहीं है। उन्होंने कहा कि वह उनके चरित्र को जानते थे इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के पक्ष में नहीं थे लेकिन समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव उनके पक्ष में थे।राजद प्रमुख ने कहा कि इस पर उन्होंने मुलायम सिंह यादव को कहा था कि वह नीतीश को जानते हैं, वह भरोसे के लायक नहीं हैं। उन्हें जनता को जवाब देना होगा इसलिए वह (मुलायम) ही उनके नाम की घोषणा करें। उस समय उन्होंने मीडिया के सामने कहा था कि साम्प्रदायिक और फासीवादी ताकतों को सत्ता से दूर करने के लिए उन्हें जहर पीना प़डा तो वह जहर भी पीएंगे। द्धष्ठट्टह्र ·र्ैंर्‍ द्ध्यध् घ्य्ब्त्रष्ठ त्र्ष्ठ द्मर्‍त्रर्‍प्रय्जब उन्हें दिखा कि तेजस्वी यादव अच्छा काम कर रहे हैं और चारों ओर उनकी सराहना हो रही है तब उन्होंने सत्ता की लालच में आकर उनको (तेजस्वी) झूठे मुकदमे मे फंसाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर साजिश की। उन्होंने कहा कि नीतीश उनके बेटों की बलि चाहते थे। राजद प्रमुख ने कहा कि किसी को भ्रम नहीं है कि उनके और परिवार के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा नीतीश ने ही केन्द्र सरकार से कराया है।द्नय्ज्झ्य्-ज्ख्रद्भरू ·र्ैंय् द्बस्घ् ्यर्ड्डैं€फ् त्र्य्उन्होंने कहा कि भाजपा और जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) के बीच मैच पहले से ही फिक्स था इसलिए इस मामले में श्री कुमार ने तेजस्वी यादव का बहाना बनाकर इस्तीफा दे दिया था। यदि तेजस्वी यादव इस मामले पर सार्वजनिक तौर पर बयान भी देते तब भी नीतीश भाजपा के साथ जाते।यादव ने कहा कि नीतीश ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा उनकी पार्टी भाजपा के सामने भले ही घुटने टेक दिए हों लेकिन वह उन्हें केन्द्र की सत्ता से बेदखल करके ही चैन लेंगे। उन्होंने कहा कि जद-यू नाम की पार्टी अब नहीं रह गई है। नीतीश और उनके साथ के लोगों ने भगवा ध्वज उठा लिया है इसलिए अब वे जय श्रीराम कहते रहें।

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