भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार की बड़ी कार्रवाई, 15 टैक्स अधिकारी जबरन सेवानिवृत्त

भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार की बड़ी कार्रवाई, 15 टैक्स अधिकारी जबरन सेवानिवृत्त

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार ने 15 और अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दे दी है। जानकारी के अनुसार, भ्रष्ट अधिकारियों को सेवा से बाहर निकालने का सिलसिला जारी रखते हुए मोदी सरकार ने 15 टैक्स अधिकारियों को रिटायर कर दिया है।

इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार से लेकर अन्य गंभीर आरोप थे। इसके बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1972 के नियम 56 (जे) का उपयोग करते हुए उक्त वरिष्ठ टैक्स अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी।

बता दें कि इस साल जून के बाद से यह चौथा अवसर है जब मोदी सरकार ने भ्रष्ट आचरण और गंभीर आरोपों का सामना कर रहे टैक्स अधिकारियों को सेवा से हटा दिया। इससे पहले तीन चरणों में कुल 49 अधिकारी नौकरी से अलग किए गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से संकेत दे दिए थे कि आने वाले समय में कर विभाग के ऐसे अधिकारी जबरन रिटायर किए जा सकते हैं जो अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं या भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोपों से घिरे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा था कि सरकार अधिकारियों के ऐसे बर्ताव को बिल्कुल सहन नहीं करेगी और उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी। इन अधिकारियों में से एक 15 हजार रु. की रिश्वत लेते पकड़ में आया था। जबकि एक अन्य अधिकारी के पास उसकी आय के स्रोतों से बहुत ज्यादा संपत्ति मिली।

इस साल जून में भी केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क (सीबीआईसी) के 15 अधिकारी घर भेज दिए गए थे। उन अधिकारियों पर रिश्वत लेने, आपराधिक साजिश रचने और तस्करी जैसे मामलों के आरोप थे। उसके बाद माना जा रहा था कि केंद्र सरकार आगामी दिनों में सख्त रुख अपनाते हुए ऐसे कई अधिकारियों को सेवानिवृत्त कर देगी। ताजा कार्रवाई इसी का हिस्सा है।

About The Author: Dakshin Bharat