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बेंगलूरु आ रही ट्रेन का एसी बंद, एसी ठीक होने तक अधिकारियों को साथ बैठाये रहे यात्री

बेंगलूरु आ रही ट्रेन का एसी बंद, एसी ठीक होने तक अधिकारियों को साथ बैठाये रहे यात्री

जोधपुर-बेंगलूरु एक्सप्रेस

सूरत/दक्षिण भारत। रेलवे में सफर के दोरान यात्रियों को होने वाली समस्याएं अक्सर चर्चा में सुनने को मिलती हैं। हालांकि अब सोशल मीडिया के इस्तेमाल से यात्री अपनी बात तुरंत रेल मंत्री या आला अधिकारियों तक पहुंचा देते हैं। इस गर्मी के मौसम में जोधपुर-बेंगलूरु एक्सप्रेस (16507) के बी2 और बी3 कोच का जब एसी खराब हो गया तो यात्रियों ने दूसरा ही तरीका आजमाया और रेलवे के अधिकारियों को अपने साथ सफर करने को मजबूर कर दिया।

जानकारी के अनुसार, शनिवार को जोधपुर से बेंगलूरु जा रही इस ट्रेन का एसी खराब होने के बाद दो बार उसकी बैटरी बदली गई, लेकिन यात्रियों को अंदेशा था कि इसमें फिर खराबी आ सकती है और उन्हें गर्मी के मौसम में बहुत तकलीफ के साथ यह सफर करना होगा। आगे रेलवे के अधिकारी कोई सुनवाई करेंगे या नहीं, जैसे सवालों को ऐ​हतियात के तौर पर ध्यान में रखकर या​त्री इस जिद पर अड़ गए कि अधिकारियों को भी उनके साथ सफर करना होगा।

यात्रियों की जिद, अधिकारी साथ करें सफर
यात्रियों की इस जिद के बाद रेलवे के तीन अधिकारी उनके साथ सफर पर रवाना हुए। बाद में जब एसी बिल्कुल ठीक काम करने लगा और यात्रियों को तसल्ली तो गई तो अधिकारी लौट आए। बताया गया कि यात्रियों की जिद के कारण अधिकारियों को करीब 92 किमी का सफर करना पड़ा।

महसूस होने लगी घुटन
जानकारी के अनुसार, यह एसी राजस्थान के फालना स्टेशन पर खराब हो गया। जब यात्रियों ने शिकायत की तो वडोदरा में रेलवे अधिकारियों ने बैटरी बदलवाई। वहां से रवानगी के बाद सूरत स्टेशन तक एसी ठीक से काम नहीं कर रहा था। इससे यात्रियों को घुटन महसूस होने लगी। उन्होंने फिर शिकायत की, जिसके बाद सूरत में भी बैटरी बदली गई।

नहीं किया आसानी से भरोसा
गर्मी में परेशान होने के कारण अब यात्रियों ने रेलवे अधिकारियों की बातों पर आसानी से भरोसा नहीं किया और इस ​जिद पर अड़ गए कि वे भी उनके साथ सफर करें। आखिरकार सूरत के स्टेशन निदेशक सीआर गरुड़ा, मुख्य वाणिज्य निरीक्षक गणेश जाधव, स्टेशन सुप्रीटेंडेंट सीएम खटीक और आरपीएफ के एसआईपीएफ को बी2 कोच में यात्रियों के साथ ही सफर करना पड़ा।

वलसाड से वापस लौटे
यह ट्रेन नवसारी पहुंची तो एसी ठीक तरह से काम करने लगा, लेकिन यात्री अधिकारियों के वादे के आधार पर ही कोई जोखिम नहीं लेना चाहते थे। जब उन्हें सबकुछ ठीक महसूस हुआ तो वलसाड स्टेशन से ये अधिकारी वापस लौटे। अधिकारी सीआर गरुड़ा ने बताया कि उन्होंने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उनके साथ सफर का फैसला किया था।

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