सोशल मीडिया पर खुराफात, अटलजी के नाम पर उड़ा दी यह अफवाह, आपने तो नहीं की शेयर?

सोशल मीडिया पर खुराफात, अटलजी के नाम पर उड़ा दी यह अफवाह, आपने तो नहीं की शेयर?

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी

नई दिल्ली। सोशल मीडिया के कई फायदे हैं तो नुकसान भी कम नहीं हैं, लेकिन यह सब किसी यूजर पर निर्भर करता है। आज फेसबुक और वॉट्सअप पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इनमें दावा किया गया है कि दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की अस्थियां अमेजॉन पर बिक रही हैं। इसके बाद कई लोगों ने बात की पूरी पड़ताल किए बिना उसे शेयर कर दिया और इसकी निंदा भी करने लगे।

हालांकि इस संबंध में अमेजॉन का बयान अभी तक नहीं आया है, लेकिन इंटरनेट की थोड़ी-सी भी जानकारी रखने वाला व्यक्ति चाहे तो इसकी सच्चाई जान सकता है। वास्तव में यह खबर पूरी तरह झूठी है। अमेजॉन पर स्व. वाजपेयी की किताबें उपलब्ध हैं, उनकी अस्थियां और भस्म नहीं। गुरुवार को सोशल मीडिया पर जब यह अफवाह फैली तो कई लोगों ने उसे जाने बिना ही आगे बढ़ा दिया और एक के बाद एक सब इस अफवाह का हिस्सा बन गए।

ट्विटर पर एक यूजर, जिसने दावा किया है कि वह बसपा का सदस्य है, ने यह तस्वीर पोस्ट की। इस यूजर की बातों में आकर सोशल मीडिया में कई लोगों ने इसे शेयर कर दिया। जब तक हकीकत मालूम होती, यह बात काफी फैल चुकी थी। कुछ यूजर्स ने फर्जी तस्वीरों का सहारा लिया और हूबहू यह दिखाने की कोशिश की कि सच में ऐसी कोई चीज आॅनलाइन बिक रही है।

इसे पढ़ने के बाद तकनीकी विशेषज्ञों और यूजर्स ने अमेजॉन पर उन्हीं कीवर्ड्स को सर्च किया तो मालूम हुआ कि यह कोरी अफवाह है। अमेजॉन और दूसरे आॅनलाइन स्टोर पर वाजपेयी की किताबें जरूर उपलब्ध हैं, लेकिन अस्थियों की अफवाह किसी खुराफाती के दिमाग की उपज है। किसी भी दिवंगत व्यक्ति के नाम पर ऐसी हरकत अशोभनीय है। हमें जिम्मेदारी के साथ सोशल मीडिया का उपयोग करना चाहिए, न कि झूठ का हिस्सा बनने के लिए।

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