धौलपुर/दक्षिण भारत डेस्क। अक्सर सरकार बदलने के साथ ही कई योजनाओं और भवनों के नाम भी बदल दिए जाते हैं, जिनका काफी विरोध होता है। वहीं राजस्थान में एक गांव ऐसा है जिसके निवासी अब तक कई सरकारों से गुहार कर चुके हैं कि उनके गांव का नाम बदल दिया जाए, लेकिन आज तक उनकी बात सत्ता के गलियारों में अनसुनी ही रही।
यह गांव धौलपुर जिले में स्थित है और नाम है चोरपुरा। गांव के इस नाम की वजह से लोगों को समय-समय पर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां के लोग जब शिक्षा या नौकरी के लिए बाहर जाते हैं तो गांव का नाम बताने में झिझक महसूस होती है। ग्रामीण आज तक नहीं समझ पाए कि उनके खूबसूरत गांव को यह नाम क्यों दिया गया।
उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि गांव का नाम बदला जाए। विकल्प के तौर पर इस गांव का दूसरा नाम सज्जनपुरा भी सुझाया गया है। ग्रामीण बताते हैं कि दस्तावेजों में गांव का नाम चोरपुरा होने से उन्हें बाहर काफी समस्या होती है। कई बार ऐसा भी हुआ जब गांव के विचित्र नाम की वजह से ही यहां के लोगों को संदेह की दृष्टि से देखा गया।
यही नहीं, चोरपुरा नाम की वजह से दूसरे गांवों के लोग यहां अपनी संतान का रिश्ता करने से कतराते हैं। एक ग्रामीण ने बताया कि गांव का ऐसा नाम होने के कारण यहां शादी-ब्याह के अच्छे प्रस्ताव नहीं आते। इसके अलावा बाहर नौकरी के लिए जाने पर जब गांव का नाम पूछा जाता है तो यह बताते हुए बहुत झिझक होती है। इसलिए जरूरी है कि इस गांव का नाम बदला जाए।
स्थानीय कांग्रेस विधायक खिलाड़ीलाल बैरवा ने भी गांव का नाम बदलने की मांग का समर्थन किया है। ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे इस संबंध में मुलाकात कर चुका है। इसके बाद विधायक ने बसेड़ी ब्लॉक के एसडीओ को ग्रामीणों की मांग से अवगत कराया है। यहां करीब 100 परिवार रहते हैं, जिन्हें वर्षों से इंतजार है कि नाम बदलने के बाद गांव की किस्मत बदल जाएगी।